Tuesday, July 28, 2020

काले काले जामुन के निराले गुण



सुमति भारव्दाज

29-07-20

स्वाद और सेहत से भरपूर रसीले जामुन

Jamun Fruit
July 24, 2020
बरसात की पहली फुहार पड़ते ही काले- काले सेहत और स्वाद से भरे रसीले जामुन बाजार में छा जाते हैं. बरसात का मौसम चूंकि अपने साथ सेहत से जुड़ी कई बिमारियां भी लेकर आता है शायद इसीलिए प्रकृति ने बहुत सोच समझ कर जामुन को इस मौसम का फल बनाया है क्योंकि इसका फल, गुठली, पत्ते से लेकर पेड़ की छाल तक में इतने गुणकारी औषधिय गुण छिपे हैं कि यह छोटे से लेकर बड़े रोगों तक के लिए रामबाण इलाज का काम करता है। स्वाद में थोड़े खट्टे और मीठे इस फल में ऐसे सभी जरूरी पौष्टिक तत्व और लवण पाये जाते हैं जिसकी शरीर को आवश्यकता के साथ उसे स्वस्थ बनाए रखने में भी जरूरत पड़ती है. हर फल का चूंकि अपना एक मौसम होता है और यह फल भी मौसमी होने के कारण केवल दो-तीन महीने के लिए ही उपलब्ध रहता है. मगर फल का मौसम जाने के बाद भी इसकी गुठलियों, पत्तियों व छाल के प्रयोग से उतना ही फायदा लिया जा सकता है जितना की इसके फल से मिलता है. शुगर में अत्यन्त लाभकारी इस फल को उपयोग में लाने के लिए बाजार में तरह- तरह के जूस,शरबत और सिरके भी मिलने लगे है. तो आइए विस्तार से जानते हैं जामुन फल के साथ उसकी गुठली, पत्तियों और छाल के लाभों के साथ उन्हें कैसे उपयोग में लाएं और साथ ही उसका जूस और सिरका घर पर ही कैसे बनाएं. जामुन फल के लाभ 1. जामुन के फल में विटामिन बी, सी, कैल्शियम और आयरन के अलावा कैरॉटिन, थाइमिन, रिवोफ्लेविन और नियासिन जैसे उपयोगी विटामिन पाए जाते हैं, जिससे शरीर में खून की कमी पूरी होने के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है । 2. प्रतिदिन 100 ग्राम जामुन के फल खाने से भरपूर कैलोरी एंव ऊर्जा भी मिलती हैं इसलिए यह ऊर्जा और पोषण का एक सस्ता और सुलभ स्त्रोत है । 3. एन्टी-ऑक्सिडेंट से भरपूर होने के काऱण यह शरीर को हानिकारक फ्री रेडीकल्स से मुक्त कर शरीर को डिटॉक्सीफाई भी करता है. 4. जामुन के गूदे में पोटाशियम की मात्रा भरपूर होने के कारण यह हृदय धमनियों को स्वस्थ रखने के साथ कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा भी नियंत्रित रखता है. 5. ब्लड प्रेशर बढ़ने से रोक कर नियंत्रित रखने में मदद करता है 6. शुगर के रोगियों में शुगर बनाने की मात्रा घटा कर इन्सुलिन बनाने की मात्रा बढ़ाता है. 7. जामुन फल त्वचा में मिलानिन बनाने की मात्रा तेजी से बढ़ाता है जिससे सफेद दाग कम करने में लाभ मिलता है । प्रयोग जामुन के फल से भरपूर लाभ उठाने के लिए इसे सेंधा या काले नमक में भूना जीरा मिलाकर सेवन करना चाहिए प्रतिदिन 100 ग्राम से ज्यादा सेवन नुकसान पहुंचा सकता है, इसका प्रयोग खाली पेट नहीं करना चाहिए और न ही जामुन खाने के बाद पानी या दूध का सेवन करना चाहिए. जामुन गुठली के लाभ 1. शुगर के रोगियों के लिए जामुन फल क्योंकि बहुत उपयोगी है इसलिए, जब फल उपलब्ध न हो तब इसकी गुठली का प्रयोग करके फल जितना ही फायदा लिया जा सकता है. गुठली पाउडर में बराबर मात्रा में सूखे बेल के पत्ते और मीठी नीम के पत्ते मिलाकर प्रतिदिन एक चम्मच सेवन करना शुगर रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है । 2. जामुन की गुठली में जम्बोलिन नामक ग्लूकोज पाया जाता है जो स्टार्च को शुगर में बदलने से रोकता है, इसलिए गुठली पाउडर का एक चम्मच नियमित सेवन करने से ब्लड शुगर नियंत्रित रहने के साथ शुगर रोग में गला सूखने व बार- बार पेशाब आने की समस्या भी दूर होती है। 3. पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे गैस, अफारा, अपच और ऐसीडिटी में गुठली का पाउडर बहुत लाभकारी है. एक चम्मच पाउडर,चुटकी भर काला नमक मिलाकर हल्के गरम पानी के साथ सेवन करें। 4. गुठली पाउडर अमाशय में सूजन, घाव और अल्सर के उपचार में भी सहायक है. इसके लिए एक चम्मच पाउडर का नियमित उपयोग करें। 5. पिलिया रोग में लाभकारी होने के साथ यह लिवर की प्रक्रिया भी सुधारने में सहायक है । 6. गले में दर्द या आवाज बैठने की समस्या हो तो एक चम्मच शहद में गुठली का चूर्ण मिलाकर चाटने से लाभ मिलता है। 7. नई शोध में वैज्ञानिकों का मानना है कि गुठली के पाउडर का काढ़ा बनाकर पीने से न केवल कैंसर जैसे रोग से ही बचाव होता है बल्कि कीमो थेरेपी के कारण होने वाले हानिकारक रेडिएशन से भी बचाव होता है। 8. सूखी गुठली को पानी के साथ घिसकर मुंहासो पर लगाने से लाभ मिलता है। 9. चेहरे के दाग धब्बे मिटाने के लिए एक चम्मच गुठली के पाउडर में आधा चम्मच जौ या बेसन का आटा,नींबू या आंवले के रस में मिलाकर लगाएं दाग धब्बे हल्के होने के साथ त्वचा का रंग भी निखर उठेगा । प्रयोग जामुन उपयोग में लाने के बाद गुठलियों को अच्छी तरह धो कर धूप में सूखा लें, गुठलियों की नमी पूरी तरह सूख जाने के बाद ही पाउडर बनाकर कांच की शीशी में भर कर रखें. पाउडर को चूर्ण रूप में या पानी के साथ उबालकर काढ़े के रूप में भी सेवन किया जा सकता है । जामुन के पत्तों के लाभ 1. फोड़े, फुन्सियों, सामान्य घाव के अलावा यदि शुगर के मरीज का घाव ठीक न हो रहा हो तो जामुन के ताजे पत्तो को पीस कर पुल्टिस बना कर नियमित बाधें घाव सूखने लगेगा । 2. यदि मुंह से खून या बदबू आने की समस्या है तो जामुन के 3-4 ताजे व मुलायम पत्तों को थोड़ी देर मुंह में चारों और धुमा-धुमा कर चबाएं या पानी में पत्ते उबाल कर कुल्ला करें लाभ मिलेगा । 3. मसूडों में सूजन हो, मसूडे कमजोर व ढ़ीले पड़ गए हों तो जामुन के पत्तों का पाउडर, सेंधा नमक व थोड़ी हल्दी मिलकार मंजन करें। 4. नशा उतारने के लिए या किसी विषैले जंतु के काटे का जहर उतारने के लिए जामुन की ताजी पत्तियों का रस निकालकर पीना चाहिए। 5. इसके अलावा जामुन की सूखा कर पिसी हुई पत्तियां, गुठली पाउडर के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़कर शरीर स्वस्थ एंव निरोगी रखने में बहुत सहायक हैं । प्रयोग जामुन का फल भले ही कुछ समय के लिए उपलब्ध हो मगर जामुन के पत्ते पूरे वर्ष उपलब्ध रहते हैं इसलिए, जहां तक हो सके ताजे पत्ते ही उपयोग में लाने चाहिए मगर पत्तों को सूखाकर उसके चूर्ण से भी लाभ लिया जा सकता है । जामुन पेड़ की छाल के लाभ 1. जामुन के पेड़ की छाल में ऐस्ट्रिन्जेंट प्रोपटीज की बहुतायता होती है इसलिए इसकी छाल को पानी में उबालकर कुल्ले करने से दांत दर्द व दांत के रोगों के अलावा मुंह व गले से सम्बन्धित परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है । 2. इसकी छाल में जीवाणुरोधी एंव संक्रमण रोधी विशेषता पाए जाने के कारण यह साधाऱण बुखार के अलावा मलेरिया रोग में भी फायदेमंद है बुखार उतारने के लिए इसकी छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पीना चाहिए । 3. इसकी छाल को पानी में उबालकर पीस लें और गाढ़ा पेस्ट चेहरे पर लगाएं इससे मुंहासों की समस्या दूर होने के साथ त्वचा के खुले रोमछिंद्रो और दाग धब्बों से भी छुटकारा मिलता है । 4. गठिया रोग के उपचार में छाल का प्रयोग दर्द से राहत देता है छाल को पानी में खूब उबालकर काढा बनाकर पीयें व छने हुए गूदे का दर्द वाले स्थान पर लेप लगा लें शीघ्र आराम मिलेगा । प्रयोग जामुन के पेड़ की छाल के छोटे-छोटे टुकड़े सूखा कर रख लें उपयोग में लाने के लिए टुकड़ो को कूटकर या पाउडर बनाकर प्रयोग में लाएं। जामुन का जूस और सिरका बनाने की विधि जूस और शरबत कैसे बनाएं जामुन के ताजे फलों का जूस बनाने के लिए जामुन को हाथ से मथ कर गुठली अलग कर लें व गूदे में बर्फ के कुछ टुकड़े, थोड़ा काला नमक व भुना जीरा मिलाकर मिक्सी में पीस लें। जामुन का शरबत बनाने के लिए गुठली निकाले हुए जामुन के गूदे को थोड़ा पानी मिलाकर उबालें, जब पानी सूखने लगे तो आंच बंद कर गूदा ठंड़ा होने पर मिक्सी में पीस लें बराबर मात्रा में चीनी मिलकार दोबारा गाढ़ा होने तक पकाएं और ठंड़ा होने पर शीशी में भर कर रख लें. यह शरबत यदि साल भर के लिए बनाकर रखना हो तो सोडियम बेन्जोएट और सिट्रिक एसिड मिलाकर रखें । सिरका कैसे बनाएं जामुन के अध पके फलों को हाथ से मथ कर गूदा गुठली से अलग कर लें, और गूदे में थोड़ा नमक मिलकार एक घंटे के लिए किसी कांच के बर्तन में रख दे. एक घंटे बाद गूदे को हाथों से अच्छी तरह मसल कर निचोड़ते हुए रस निकाल लें, हाथ से रस न निकालना चाहें तो किसी मुलायम व साफ कपड़े में गूदा डालकर रस निकाल लें, और इस रस को कांच की बोतल में या चीनी मिट्टी के बर्तन में भर कर रख दे, 20 से 25 दिनों में सिरका तैयार हो जाएगा ।

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