Sunday, January 31, 2021

आधुनिक भारत का अनोखा यूनिवर्सिटी


मॉडर्न इंडिया  का ग्लोबल डिजिटल यूनिवर्सिटी


 दयालबाग। डी ई आई के ओपन डे के मौके पर मिली तमाम क्षेत्रों की जानकारियों के अनुसार यह कहा जा सकता है कि दयालबाग यूनिवर्सिटी के  आधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगों से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रकाश और ध्वनि एक दूसरे के साथ परस्पर जुड़े हुए हैं। इसलिए फोटोन जो प्रकाश के कण होते हैं और फोनोन जो ध्वनि के कण होते हैं उनमें पारस्परिक सम्बन्ध रहता है। 

भारत में विभिन्न धर्मों द्वारा आतंरिक ध्वनि को संपूर्ण सृष्टि का आधार माना जाता है, जिससे उसकी रचना हुई । अल्ट्रा ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन अथवा सुरत-शब्द-योग ध्यान के दौरान अनुभव की जाने वाली आंतरिक ध्वनि संपूर्ण सृष्टि की परम वास्तविकता तथा परम सत्य को प्रकट करती है। हालाँकि, भौतिक दुनिया में प्रकाश का वेग सबसे अधिक होता है, आंतरिक व आध्यात्मिक ध्वनि के फ़ोनॉन गहनता के स्तर पर और भी तेज़ अनंत वेग से गतिमान होते हैं और फोटॉनों पर नियंत्रण भी कर सकते हैं । 

हमें उन परंपराओं का लाभ उठाना चाहिए जो हमें अपने समाज से विरासत के रूप में मिली हैं। इसलिए, दयालबाग़ में विज्ञान एवं अध्यात्म का एक अनूठा संगम कायम किया गया है। हमने एक आधुनिक टिकाऊ स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का निर्माण किया है, जिसमें हम मानव जीवन को बनाए रखने वाली हेल्थकेयर व्यवस्था प्रदान करते हैं, ताकि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाये रखा जा सके । इसी सिद्धांत पर दयालबाग जीवन शैली और दयालबाग शिक्षा प्रणाली आधारित है।

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