Tuesday, November 30, 2010

कुण्डली में धन योग

आपकी कुण्डली में धन योग (Laxmi yoga or Dhan yoga in your horoscope)

dhan-yogaज्योतिषशास्त्र की दृष्टि में धन वैभव और सुख के लिए कुण्डली में मौजूद धनदायक योग (Lakshmi Yoga) काफी महत्वपूर्ण होते है. देखिये कि आपकी कुण्डली में धनदायक योग (Dhan yoga in your horoscope) है अथवा नहीं.
पंचमहापुरूष योग (Panch Purush Yoga)
पंच महापुरूष योग (Panch Mahaurush Yoga) धनवान बनाने वाला योग है.कुण्डली में पंच महापुरूष योग (Panch Mahaurush Yoga) तब बनता है जबकि मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र व शनि में से कोई भी ग्रह केन्द्र में स्वगृही, मूल त्रिकोण या उच्च का होकर स्थित हो.यह योग उस स्थिति में तब और बली हो जाता है जबकि एक से अधिक ग्रह शुभ स्थिति में रहकर योग बनते हैं.
कुण्डली में पंच महापुरूष योग (Panch Mahaurush Yoga) के साथ जन्म लेने वाले व्यक्ति धरती पर वैभव और ऐश्वर्य का आनन्द प्राप्त करते हैं.इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करना होता है.अगर बाल्यावस्था में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता भी है तो युवावस्था आते आते लक्ष्मी देवी इनपर अपनी कृपा बरसाने लगती है.
अमला योग (Amla Yoga)
अमला योग (Amla Yoga) के विषय में ज्योतिषिय मान्यता यह है कि जिस व्यक्ति की कुण्डली में यह योग बनता है वह भले ही गरीब परिवार में जन्मा हो परंतु भाग्य के बल से अपने जीवन काल में यश कीर्ति और धन प्राप्त करता है.कुण्डली में अमला योग (Amla Yoga) उस स्थिति में बनता है जबकि चन्द्रमा से अथवा लग्न से दशम भाव में शुभ ग्रह विराजमान होता है.
अखण्ड सम्राज्य योग (Akhand Samrajya yoga)
धन की दृष्टि से अखण्ड सम्राज्य योग (Akhand Samrajya yoga) अत्यंत शुभ फलदायी और प्रभावशाली होता है.  अखण्ड सम्राज्य योग (Akhand Samrajya yoga) से प्रभावित व्यक्ति का भाग्य प्रबल रहता है फलत: गरीबी में भी जन्म लिया हो तो लक्ष्मी की कृपा से दिनानुदिन आर्थिक प्रगति होती रहती है और व्यक्ति अपने जीवन काल में धन वैभव एवं यश प्राप्त करता है.कुण्डली में एकादशेश बृहस्पति हो और द्वितीयेश एवं नवमेश में से कोई एक चन्द्रमा से केन्द्र स्थान में हो तब यह योग बनता है.
लक्ष्मी योग (Lakshmi yoga)
लक्ष्मी योग नाम के अनुसार धन और वैभव प्रदान करने वाला योग है. लक्ष्मी योग (Lakshmi yoga) से प्रभावित व्यक्ति पर माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि रहती है.इस योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. लक्ष्मी योग (Lakshmi yoga) आपकी कुण्डली में तब बनता है जबकि जन्मपत्री में नवमेश लग्नेश अथवा पंचमेश के साथ युति का निर्माण करता है.
महालक्ष्मी योग (Maha Laxmi Yoga)
लक्ष्मी योग की भांति ही अत्यंत शुभत्व प्रदान करने वाला योग है महालक्ष्मी योग. धन दायक योगो में महालक्ष्मी योग (Maha Laxmi Yoga) को श्रेष्ठतम योग के रूप में माना जाता है.वह व्यक्ति अत्यंत भाग्यशाली होते हैं जो महालक्ष्मी योग (Maha Laxmi Yoga) योग के साथ जन्म लेते हैं.अगर इनका जन्म धनहीन परिवार में भी होता है तो अपनी लगन, मेहनत और भाग्य के बल पर दिनानुदिन धन वैभव की वृद्धि होती है और जीवन सुख वैभव से परिपूर्ण होता है.
भेरी योग (Bheri Yoga)
धनदायक योगों में भेरी योग (Bheri Yoga) भी काफी प्रभावशाली और उत्तम होता है.जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका में भेरी योग (Bheri Yoga) होता है वह ज्ञानवान और उच्च विचारों वाले होते हैं.अपने उत्तम गुण और व्यवहार के कारण सम्मान व आदर प्राप्त करते हैं.अपने व्यक्तित्व के कारण दिनानुदिन प्रगति की राह पर आगे बढ़ते हैं और लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त करते हैं.इस योग से प्रभावित व्यक्ति निरोग और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होते है

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