**राधास्वामी!! 14- 02- 2020
-आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-
कल से आगे -
(57)
अगर किसी सत्संगी को सत्संग में कोई सेवा मिल जाए तो उसे कभी यह ख्याल न करना चाहिए कि यह सेवा उसे उसकी किसी खास योग्यता के कारण मिली है या यह कि उसके बिना सत्संग का फुलाँ काम चल ही नहीं सकता। राधास्वामी दयाल न किसी की सेवा के मुहताज है और न ही किसी की सहायता व योग्यता के। जब वह किसी जीव पर दया फरमाया चाहते हैं तो उसके लिए सेवा करने का अवसर पैदा कर देते हैं। जब किसी बड़भागी को कोई सेवा मिले तो उसे चाहिए कि उसका पूरा लाभ उठावे। हाथ आया मौका खो देने पर सैकड़ों बरस का फेर पड़ सकता है ।🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 (सत्संग के उपदेश- भाग तीसरा)**
प्रस्तुति - उषा रानी
/ राजेंद्र प्रसाद सिन्हा
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