Tuesday, February 23, 2021

श्वाश, सांस अथवा दमा के घरेलू उपचार /कृष्ण मेहता


 *श्वाश, सांस अथवा दमा से जुडी बीमारियों के लिए घरेलु उपाय*

श्वास, सांस अथवा दमा श्वसन तंत्र की भयंकर कष्टदायी बीमारी है। यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। श्वास पथ की मांसपेशियों में आक्षेप होने से सांस लेने निकालने में कठिनाई होती है।खांसी का वेग होने और श्वासनली में कफ़ जमा हो जाने पर तकलीफ़ ज्यादा बढ जाती है। रोगी बुरी तरह हांफ़ने लगता है।


       एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ या वातावरण के संपर्क में आने से, बीडी, सिगरेट धूम्रपान करने से, ज्यादा सर्द या ज्यादा गर्म मौसम, सुगन्धित पदार्थों, आर्द्र हवा, ज्यादा कसरत करने और मानसिक तनाव से दमा का रोग उग्र हो जाता है।


      अब यहां ऐसे घरेलू नुस्खों का उल्लेख किया जा रहा है जो इस रोग ठीक करने, दौरे को नियंत्रित करने और श्वास की कठिनाई में राहत देने वाल सिद्ध हुए हैं...


(1)  तुलसी के 15-20 पत्ते पानी से साफ़ करलें फ़िर उन पर काली मिर्च का पावडर बुरक कर खाने से दमा मे राहत मिलती है।


(2)   एक केला छिलके सहित भोभर या हल्की आंच पर भुनलें। छिलका उतारने के बाद 10 नग काली मिर्च का पावडर उस पर बुरककर खाने से श्वास की कठिनाई तुरंत दूर होती है।


(3)  दमा के दौरे को नियंत्रित करने के लिये हल्दी एक चम्मच दो चम्मच शहद में मिलाकर चाटलें।


(4)   तुलसी के पत्ते पानी के साथ पीसलें, इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर सेवन करने से दमा रोग में लाभ मिलता है।


(5)   पहाडी नमक सरसों के तेल मे मिलाकर छाती पर मालिश करने से फ़ोरन शांति मिलती है।


(6)     10 ग्राम मैथी के बीज एक गिलास पानी मे उबालें तीसरा हिस्सा रह जाने पर ठंडा करलें और पी जाएं। यह उपाय दमे के अलावा शरीर के अन्य अनेकों रोगों में फ़यदेमंद है।


(7) एक चम्मच हल्दी एक गिलास दूध में मिलाकर पीने से दमा रोग काबू मे रहता है।एलर्जी नियंत्रित होती है।


(8) सूखे अंजीर 4 नग रात भर पानी मे गलाएं, सुबह खाली पेट खाएं। इससे श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है।


(9)  सहजन की पत्तियां उबालें। छान लें| उसमें चुटकी भर नमक,एक चौथाई निंबू का रस,और काली मिर्च का पावडर मिलाकर पीयें।दमा का बढिया इलाज माना गया है।


(10)    शहद दमा की अच्छी औषधि है। शहद भरा बर्तन रोगी के नाक के नीचे रखें और शहद की गन्ध श्वासके साथ लेने से दमा में राहत मिलती है।


(11)   दमा में नींबू का उपयोग हितकर है। एक नींबू का रस एक गिलास जल के साथ भोजन के साथ पीना चाहिये।


(12)    लहसुन की 5 कली 50 मिलि दूध में उबालें।यह मिक्श्चर सुबह-शाम लेना बेहद लाभकारी है।


(13)   अनुसंधान में यह देखने में आया है कि आंवला दमा रोग में अमृत समान गुणकारी है।एक चम्मच आंवला रस मे दो चम्मच शहद मिलाकर लेने से फ़ेफ़डे ताकतवर बनते हैं।


(14) दमा के रोगी को सिंथेटिक बिस्तर पर नहीं लेटना चाहिये। यह दमा रोग में ट्रिगर फ़ेक्टर का काम करता है।


(15)  एक अनुभूत उपचार   यह है कि दमा रोगी को हर रोज सुबह के वक्त  3-4 छुहारा अच्छी तरह बारीक चबाकर खाना चाहिये। अच्छे परिणाम आते हैं।इससे फ़ेफ़डों को शक्ति मिलती है  और सर्दी जुकाम का प्रकोप कम हो जाता है।


(16)  सौंठ श्वास रोग में उपकारी है। इसका काढा बनाकर पीना चाहिये।


(17)  गुड 10 ग्राम कूट लें। इसे 10 ग्राम सरसों के तेल मे मसलकर-मिलाकर सुबह के वक्त खाएं। 45 दिन के प्रयोग से काफ़ी फ़ायदा नजर आएगा।


(१८)  पीपल के सूखे फ़ल श्वास चिकित्सा में गुणकारी हैं। बारीक चूर्ण बनाले। सुबह -शाम एक चम्मच लेते रहें लाभ होगा।

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