Monday, February 15, 2021

बसंत / हुजूर साहब जी महाराज j

 *🌻🌻बसंत🌻🌻             

                           

   [ सन 1935 ई० में हुजूर साहबजी महाराज ने बसंत पंचमी पर एक लेख प्रेम प्रचारक को दिया।यह लेख सतसंग कम्यूनिटी पर जैसा सन 1935 में सही लागू होता था वैसा ही आज के दिन भी सही लागू होता है ।]:-(हम अपने पाठकों के रूचि के लिए उसे नीचे फिर से प्रकाशित करते हैं।)- (सोमवार 22, 29 जनवरी 1979, प्रेम प्रचारक):- आज का दिन सत्संग जमात के लिए निहायत पवित्र है क्योंकि इसी पवित्र दिन सन् 1861 ई० में यानी आज से 74 वर्ष पहले राधास्वामी मत के प्रथम आचार्य हुजूर स्वामीजी महाराज ने इसी आगरा शहर में सतसंग आम जारी करने की मौज फरमाई। दूसरे शब्दों में आज राधास्वामी सत्संग 74वें  वें वर्ष में कदम रखता है। आम इंसान के लिए 74वाँ साल बुढ़ापे की निशानी है लेकिन जमाअतों व संथाओं के लिए 74 वर्ष 6 माह का अर्सा भी नहीं होता। यही नहीं बल्कि आज से 20 वर्ष पहले यानी सन 1915 में बसंत पंचमी के मुबारक रोज इसी शहर आगरा बल्कि इसी मुकाम पर जहाँ पर आप इस वक्त बैठे हैं, एक बच्चे का जन्म हुआ। जिसका शुभ नाम दयालबाग रखा गया। पस बसंत पंचमी का दिन सत्संग जमाअत के लिए मुबारक है क्योंकि इसी रोज सत्संग जमाअत की बुनियाद रखी गई और इसी रोज सत्संग के सदर मुकाम की दाग बेल डाली गई। अहले दुनिया का रिवाज है कि अपनी हैसियत के मुताबिक अपना जन्मदिन मनाते हैं ।गरीब चने तकसीम करता है , अमीर मिठाई बाँटता है राजा महाराजा हीरे जवाहरात लुटाते हैं।चुनाँचे राधास्वामी सत्संग भी अपनी हैसियत के मुताबिक अपना जन्म दिवस मनाता है । सत्संग न गरीब है कि चने तकसीम करे, न अमीर है कि मिठाई बाँटे और न राजा महाराजा है कि हीरे जवाहरात लुटाये।  सत्संग तो प्रेम की संस्था है और इस लियें प्रेम की दौलत तकसीम करके अपना जन्मदिन मनाता है। हम सब को चाहिए कि सत्संग की इस खुशी में सच्चे दिल से शरीक हों ताकि सतसंग के अधिष्ठाता, रक्षक और निगहबान हुजूर राधास्वामी दयाल देखें इस घोर कलयुग के जमाने में,जबकि लोग संसार के मोह में फँसे हुए हैं, हाँ इस गए गुजरे जमाने में भी सतसंग एक ऐसी जमात है जो उनके उपदेश पर दिलो जान से अमल करती है। बड़े आदमी को खुश करने का एक तरीका यह भी है कि उसके बच्चे के जन्मदिन की खुशी में शरीक हों। राधास्वामी सत्संग राधास्वामी दयाल का बच्चा है। उन्हें प्रसन्न करने का एक तरीका यह भी है कि उनके बच्चे का जन्मदिन निहायत खुशी और जोश व खरोश से मनाया जाये लिहाजा हमारा फर्ज है कि हम सच्चे दिल से सत्संग की खुशी में शरीक हों ताकि कुल मालिक हुजूर राधास्वामी दयाल हम पर खुश हों।                                          आज बसंत के दिन राधास्वामी दयाल ने सत्संग आम जारी किया। आज बसंत के दिन ही सत्संग के हेडक्वार्टर्स की बुनियाद डाली गई और बसंत के दिन बसंत का राग गाया गया। अब सिर्फ इस बात की देर है कि राधास्वामी दयाल जल्द फागुन लायें जिससे कि हम यहाँ से छुटकर हमेशा के लिए उनके चरणों में जा समाएँ। "अब क्या देर रही फागुन में ।आय गई जब ऋतू बसंत।"                               🙏🏻राधास्वामी🙏🏻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻बसंत समस्त सतसंग जगत व प्राणीमात्र को बहुत बहुत मुबारक🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻**

No comments:

Post a Comment

सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...