Sunday, February 28, 2021

तुलसीदास की भक्ति

 *"श्री.तुलसीदासजी"* से एक भक्त ने पूछा कि...

*"महाराज आप श्रीराम के इतने गुणगान करते हैं , क्या कभी खुद श्रीराम ने आपको दर्शन दिए हैं * ?.. 

तुलसीदास बोले :- " हां "

भक्त :- महाराज क्या आप मुझे भी दर्शन करा देंगे ???

तुलसीदास :- " हां अवश्य "

★ *तुलसीदास जी ने ऐसा मार्ग दिखाया कि एक गणित का विद्वान भी चकित हो जाए  !!!*

*तुलसीदास जी ने कहा , ""अरे भाई यह बहुत ही आसान है  !!! तुम श्रीराम के दर्शन स्वयं अपने अंदर ही प्राप्त कर सकते हो.""*

*हर नाम के अंत में राम का ही नाम है.*


इसे समझने के लिए तुम्हे एक *"सूत्रश्लोक "* बताता हूं .

यह सूत्र किसी के भी नाम में लागू होता है !!!

भक्त :-" कौनसा सूत्र महाराज ?"

*तुलसीदास* :- यह सूत्र है ...

*||"नाम चतुर्गुण पंचतत्व मिलन तासां द्विगुण प्रमाण || || तुलसी अष्ट सोभाग्ये अंत मे शेष राम ही राम || "*


 इस सूत्र के अनुसार 

★ *अब हम किसी का भी नाम ले और उसके अक्षरों की गिनती करें*...

*१)उस गिनती को (चतुर्गुण) ४ से गुणाकार करें*.

*२) उसमें (पंचतत्व मिलन) ५ मिला लें.*

*३) फिर उसे (द्विगुण प्रमाण) दुगना करें.*

*४)आई हुई संख्या को (अष्ट सो भागे) ८ से विभाजित करें .*

*"" संख्या पूर्ण विभाजित नहीं होगी और हमेशा २ शेष रहेगा!!!  ...

*यह २ ही "राम" है। यह २ अंक ही " राम " अक्षर हैं*...


★विश्वास नहीं हों रहा है ना???

चलिए हम एक उदाहरण लेते हैं ...

आप एक नाम लिखें , अक्षर कितने भी हों  !!!

★ उदा. ..निरंजन... ४ अक्षर 

१) ४ से गुणा करिए  ४x४=१६

२)५ जोड़िए  १६+५=२१

३) दुगने करिए २१×२=४२

४)८ से विभाजन करने पर  ४२÷८= ५ पूर्ण अंक , शेष २ !!!

*शेष हमेशा दो ही बचेंगे,यह बचे २ अर्थात्  - "राम" !!!*


*विशेष यह है कि सूत्रश्लोक की संख्याओं को तुलसीदासजी ने विशेष महत्व दिया है*!!!

★1) *चतुर्गुण* अर्थात् *४ पुरुषार्थ* :- *धर्म, अर्थ, काम,मोक्ष* !!!

★2) *पंचतत्व* अर्थात् ५ *पंचमहाभौतिक* :- *पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु , आकाश*!!!

★3) *द्विगुण प्रमाण* अर्थात् २ *माया व ब्रह्म* !!!

★4) *अष्ट सो भागे* अर्थात् ८ *अाठ दिशायें* 

( *चार दिशा* :-पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण , 

 *चार उपदिशा* - आग्नेय,नैऋत्य, वायव्य, ईशान्य, *आठ प्रकारची लक्ष्मी* (आग्घ, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग आणि योग

लक्ष्मी )


★अब यदि हम सभी अपने नाम की जांच इस सूत्र के अनुसार करें तो आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि हमेशा शेष २ ही प्राप्त होगा ...

इसी से हमें श्री तुलसीदास जी की  बुद्धिमानी और अनंत रामभक्ति का ज्ञान होता है !!!

🙏🏻 *जय श्रीराम* 🙏🏻

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