Tuesday, February 16, 2021

आज का दिन मंगलमय हो

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞/ कृष्ण मेहता



⛅ *दिनांक 17 फरवरी 2021*

⛅ *दिन - बुधवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - उत्तरायण*

⛅ *ऋतु - शिशिर*

⛅ *मास - माघ*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि - षष्ठी पूर्ण रात्रि तक*

⛅ *नक्षत्र - अश्विनी रात्रि 11:49 तक तत्पश्चात भरणी*

⛅ *योग - शुक्ल 18 फरवरी रात्रि 02:39 तक तत्पश्चात ब्रह्म*

⛅ *राहुकाल - दोपहर 12:53 से दोपहर 02:19 तक* 

⛅ *सूर्योदय - 07:08* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:36* 

⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - षष्ठी वृद्धि तिथि*

 💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *वसंत ऋतु का संदेश* 🌷

🍝 *खान-पान का ध्यान विशेष-वसंत ऋतु का है संदेश*

➡  *18 फरवरी 2021 गुरुवार से वसंत ऋतु प्रारंभ ।*

🍃 *ऋतुराज वसंत शीत व उष्णता का संधिकाल है | इसमें शीत ऋतु का संचित कफ सूर्य की संतप्त किरणों से पिघलने लगता है, जिससे जठराग्नि मंद हो जाती है और सर्दी-खाँसी, उल्टी-दस्त आदि अनेक रोग उत्पन्न होने लगते हैं | अतः इस समय आहार-विहार की विशेष सावधानी रखनी चाहिए |*

🍝 *आहार : इस ऋतु में देर से पचनेवाले, शीतल पदार्थ, दिन में सोना, स्निग्ध अर्थात घी-तेल में बने तथा अम्ल व रसप्रधान पदार्थो का सेवन न करें क्योंकि ये सभी कफ वर्धक हैं | (अष्टांगहृदय ३.२६)*

🍃 *वसंत में मिठाई, सूखा मेवा, खट्टे-मीठे फल, दही, आईसक्रीम तथा गरिष्ठ भोजन का सेवन वर्जित है | इन दिनों में शीघ्र पचनेवाले, अल्प तेल व घी में बने, तीखे, कड़वे, कसैले, उष्ण पदार्थों जैसे- लाई, मुरमुरे, जौ, भुने हुए चने, पुराना गेहूँ, चना, मूँग , अदरक, सौंठ, अजवायन, हल्दी, पीपरामूल, काली मिर्च, हींग, सूरन, सहजन की फली, करेला, मेथी, ताजी मूली, तिल का तेल, शहद, गौमूत्र आदि कफनाशकपदार्थों का सेवन करें | भरपेट भोजन ना करें | नमक का कम उपयोग तथा १५ दिनों में एक कड़क उपवास स्वास्थ्य के लिए हितकारी है | उपवास के नाम पर पेट में फलाहार ठूँसना बुद्धिमानी नही है |*

➡ *विहार : ऋतु-परिवर्तन से शरीर में उत्पन्न भारीपन तथा आलस्य को दूर करने के लिए सूर्योदय से पूर्व उठना, व्यायाम, दौड़, तेज चलना, आसन तथा प्राणायाम (विशेषकर सूर्यभेदी) लाभदायी है | तिल के तेल से मालिश कर सप्तधान उबटन से स्नान करना स्वास्थ्य की कुंजी है |*

🌷 *वसंत ऋतु के विशेष प्रयोग* 🌷

🔶 *२ से ३ ग्राम हरड चूर्ण में समभाग मिलाकर सुबह खाली  पेट लेने से 'रसायन' के लाभ प्राप्त होते हैं |*

🔶 *१५ से २० नीम के पत्ते तथा २-३ काली मिर्च १५-२० दिन चबाकर खाने से वर्षभर चर्मरोग, ज्वर, रक्तविकार आदि रोगों से रक्षा होती है |*

🔶 *अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े कर उसमें नींबू का रस और थोडा नमक मिला के सेवन करने से मंदाग्नि दूर होती है |*

🔶 *५ ग्राम रात को भिगोयी हुई मेथी सुबह चबाकर पानी पीने से पेट की गैस दूर होती है |*

🔶 *रीठे का छिलका पानी में पीसकर २-२ बूँद नाक में टपकाने से आधासीसी (सिर) का दर्द दूर होता है |*

🔶 *१० ग्राम घी में १५ ग्राम गुड़ मिलाकर लेने से सूखी खाँसी में राहत मिलती है |*

🔶 *१० ग्राम शहद, २ ग्राम सोंठ व १ ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम चाटने से बलगमी खाँसी दूर होती है |*

🔥 *सावधानी : मुँह में कफ आने पर उसे तुरंत बाहर निकाल दें | कफ की तकलीफ में अंग्रेजी दवाइयाँ लेने से कफ सूख जाता है, जो भविष्य में टी.बी., दमा, कैंसर जैसे गम्भीर रोग उत्पन्न कर सकता है | अतः कफ बढ़ने पर ? जकरणी जलनेति का प्रयोग करें 



        🌞 *~   हिन्दू पंचांग ~* 🌞

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