Friday, May 14, 2021

【यथार्थ -प्रकाश-भाग-3】

 *【यथार्थ -प्रकाश-भाग-3】pdz       

  (साहबजी महाराज आनन्दस्वरुप साहब द्वारा रचित)                           

 जिसमे:-आर्य-समाजी, सनातन- धर्मी और सिक्ख-पन्थानुयायी भाइयों की प्रमाणिक धर्म-पुस्तको से प्रमाण उपस्तिथ करके राधास्वामी-मतावलम्बियों की उन कठिनाइयों का वर्णन किया गया है जिनके कारण वे इन भाइयों से सहमत होने से लाचार है, तथा इस पुस्तक के भाग 1-2 के इस दावे का कि सच्चा और असली धर्म (मजहब) एक हो सकता है और सब धर्मो के महापुरुषों की धार्मिक शिक्षा में प्रकट समानता है ज़ोर से समर्थन किया गया है।।                                          [राधास्वामी सहाय]:-                          

 भूमिका :- यथार्थ-प्रकाश के भाग १ और २ की भूमिका में बचन दिया गया था कि  इस पुस्तक में पहले राधास्वामी- मत की वास्तविक शिक्षा और आक्षेपको से किये जाने वाले आक्षेपों के उत्तर दिए जायँगे ,और बाद को उनकी मान्य धर्म -पुस्तकों के कुछ परमाण प्रस्तुत करके उन कठिनाइयों का उल्लेख किया जाएगा जिनके कारण राधास्वामी मत के अनुयाई उनसे सहमत न होने तथा वेदादि शास्त्रों को कुछ आदर की दृष्टि से न देखने में विवश हैं जिससे कि आक्षेपक उन्हें देखते हैं। कोटि-कोटि धन्यवाद है जगत् पिता कुल मालिक हुजूर राधास्वामी दयाल की कृपा से आज यह शुभ घड़ी आई है कि जब वह बचन पूरा कर दिया गया।

क्रमशः 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻                                 

   यथार्थ- प्रकाश भाग -3-                      

 ( परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!:- 14-05-2021)


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

No comments:

Post a Comment

सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...