Friday, May 7, 2021

हिम्मत ही बल हैं / नर ना हो कभी निराश

 एक राजा ने दो लोगों को *मौत की सजा* सुनाई...उन दोनों में से एक यह जानता था कि राजा को अपने *घोड़े से बहुत प्यार है।*


उसने राजा से कहा कि यदि मेरी *जान बख्श दी जाए* तो मैं एक साल में उनके *घोड़े को उड़ना* सिखा दूँगा।

यह सुनकर राजा खुश हो गया कि वह दुनिया के *पहले उड़ने वाले घोड़े की सवारी* कर सकता है।

दूसरे कैदी ने अपने मित्र की ओर अविश्वास की नजर से देखा और बोला, तुम जानते हो कि *कोई भी घोड़ा उड़ नहीं सकता!!*

फिर, तुमने इस तरह पागलपन की बात सोची भी कैसे ?

ऐसा करके तुम सिर्फ़, अपनी *मौत को एक साल के लिए टाल रहे हो।*

पहला कैदी बोला, ऐसी बात नहीं है... मैंने दरअसल *खुद को स्वतंत्रता के चार मौके* दिए हैं... कैसे,

•पहली बात, *राजा एक साल के भीतर मर सकता है !*

•दूसरी बात, *मैं मर सकता हूं !*

•तीसरी बात, *घोड़ा मर सकता है !*

•चौथी बात, *हो सकता है मैं घोड़े को उड़ना सिखा ही दूं !!!*


*मॉरल ऑफ द स्टोरी:*

*बुरी से बुरी परिस्थितियों में भी आशा* नहीं छोड़नी चाहिए...क्योंकि,

√ रिकवरी रेट बढ़ रहा हैं, 

√ पॉज़िटिवीटी रेट घट रहा हैं, 

√ बिस्तर बढ़ रहे हैं, 

√ आक़्सिजन बढ़ रही है, 

√ इंजेक्शन का *बड़ा उत्पादन* शुरू हो गया है, 

√ वैक्सीन आ गई है !!

√ वहीं रेल एक्सप्रेस, वायुयान दौड़ रहे हैं।         

√ आयुर्वेद और योग शक्ति दे रहें हैं, 

*धेर्य रखें.... हम जीत रहें हैं।*

आत्मविश्वास बनाए रखना है और हर हाल में सकारात्मक रहना है... 

*जल्द ही कुछ अच्छा होने वाला है..

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