।। राधास्वामी।।
*✍🏻झुकने का अर्थ यह*
*कदापि नही होता कि*
*आपने अपना सम्मान*
*खो दिया*
*हर कीमती वस्तु को*
*उठाने के लिए झुकना*
*ही पड़ता है*
*बुजुर्गो का आशीर्वाद भी*
*इनमें से एक है*
*🌹🙏🏻सुप्रभात🙏🏻🌹*
[05/12/2019, 09:22] KS कुसुम सह: _*ये दबदबा, ये हुकूमत, ये नशा, ये दौलतें...*_
_*सब किरायेदार हैं, घर बदलते रहते हैं..*_
_*मुस्कुराहट, अपनापन, स्वभाव,*_
_*ये सब अपने हैं जनाब, इनसे ही हम सब फलते फूलते हैं।।*_
👣 Զเधे -Զเधे 👣
*🥀🙏🏻सुप्रभात🙏🏻🥀*_
[12/12/2019, 09:18] KS कुसुम सहगल दीदी: *प्रातः वंदन* 🙏🏽
*थकान शाम को अपना घर मांगती है*
*और जिंदगी*
*रोज नया सफर मांगती है*
*तो शुरू करें आज का सफ़र*
*मेहनत करें तो धन बनें,*
*सब्र करें तो काम,*
*मीठा बोलें तो पहचान बनें*
*और इज्ज़त करें तो नाम*
*हमारी उपलब्धियों में*
*दूसरों का भी योगदान होता है*
*भले ही समन्दर में पानी अपार है*
*पर सच तो यही है कि वो*
*नदियों का उधार होता है*
*जीवन जीतने के लिए जिद चाहिए,*
*हारने के लिए तो एक डर ही काफी है*
*बाकी ख़ुशी देना ही*
*खुशी पाने का सबसे बड़ा सार है*
☘ *सुप्रभात* ☘
[01/01, 11:12] KS कुसुम सहगल दीदी: *ईश्वर आपको प्रातः काल की प्रथम किरण से प्रारंभ होने वाले नूतन वर्ष में...*
*सुख , शांति, शक्ति, सम्पत्ति, स्वरुप, संयम, सादगी, सफलता, समृध्दि, साधना, संस्कार, और स्वास्थ्य प्रदान करें...*
*नये साल की अनेक शुभकामनाओं के साथ..*
*आप और आपके परिवार को हमारी तरफ से नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...*
*" नूतनवर्षाभिनंदन 2020 "*
🎊🥳🎉🥳
[11/01, 10:58] KS कुसुम सहगल दीदी: *"अकाल" हो अगर "अनाज" का,*
*तब "मानव" मरता है...*
*किन्तु*
*"अकाल" हो अगर "संस्कारों" का,*
*तो "मानवता" मरती है!!!*
*"संस्कारों" से बड़ी कोई "वसीयत" नहीं..*
*और "र्इमानदारी" से*
*बड़ी कोई "विरासत" नहीं !!!*
*🌹🙏सुप्रभातम् 🙏🌹*
[16/01, 11:24] KS कुसुम सहगल दीदी: *प्रातः वंदन* 🙏🏽
*ज़िन्दगी में ऊंचा उठने के लिए किसी*
*डिग्री की जरूरत नही अच्छे शब्द ही*
*इंसान कोबादशाह बना देते है*
*माँ बाप के साथ आपका सुलूक*
*वो कहानी है*
*जिसे आप लिखते हैं*
*और आपकी संतान आपको*
*पढ़कर सुनाती है*
*आँसूओं के प्रतिबिंब गिरे,*
*ऐसे दर्पण अब कहाँ ?*
*बिना कहे सब कुछ समझे,*
*वैसे रिश्ते अब कहाँ ?*
*ठीक उस खाली लिफ़ाफ़े की तरह*
*होते है कुछ रिश्ते*
*जिनके भीतर कुछ भी नहीं होता और*
*हम उन्हें सम्भाल कर रखते है*
🌸 *सुप्रभात* 🌸
[19/01, 06:03] KS कुसुम सहगल दीदी: 🙏💐🙏🌹💐🌹🙏🌹🙏
*अहंकार कभी ना करें*
*एक छोटा सा कंकर भी मुँह में गया हुआ निवाला बाहर निकाल सकता है l* *👌👌कर्म के पास*
*न कागज़ है, न किताब है;*
*लेकिन फिर भी,*
*सारे जगत का हिसाब है:* 👌👌
*दुनिया के चार स्थान*
*कभी नहीं भरते*
*समुद्र*
*शमशान*
*तृष्णा का गड्ढा*
*और मनुष्य का मन...!*
।👏👏 👏👏
🙏🌹🙏💐🙇💐🙏🌹🙏
[25/01, 09:18] KS कुसुम सहगल दीदी: *अभिमान तब आता है*
*जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,*
*और*
*सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है*
*जो दूसरों को इज़्ज़त देता है*
*असल में वो खुद इज़्ज़तदार होता है*
*क्योकि*
*इंसान दूसरो को वही दे पाता है*
*जो उसके पास होता है।*
*🙏स्नेह वंदन🙏*
🌸 *सुप्रभात*
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[28/01, 10:02] KS कुसुम सहगल दीदी: *लहरों को साहिल की दरकार नहीं होती,*
*हौसला बुलंद हो तो कोई दीवार नहीं होती,*
*जलते हुए चिराग ने आँधियों से ये कहा,*
*उजाला देने वालों की कभी हार नहीं होती।*
🌹 *Good Morning* 🌹
[30/01, 09:09] KS कुसुम सहगल दीदी: या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता ।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना को समर्पित बसंत पंचमी के महापर्व पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। मेरी कामना है कि मां सरस्वती की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।
[08/02, 09:43] KS कुसुम सहगल दीदी: *रिश्ते बनाना इतना आसान जैसे -*
*'मिट्टी' पर 'मिट्टी' से "मिट्टी" लिखना....!*
*लेकिन रिश्ते निभाना उतना ही मुश्किल जैसे-*
*'पानी' पर 'पानी' से "पानी" लिखना.....!!*
*🙏🏻शुभ प्रभात 🙏🏻*
[13/02, 08:26] KS कुसुम सहगल दीदी: *हँसता हुआ मन*
*और*
*हँसता हुआ चेहरा*
*यही सच्ची व अच्छी संपति है....!!*
*✍🏻किसी ने गौतम बुद्ध से पूछा,"*
*आप बड़े है फिर भी नीचे बैठते है"*
*बहुत ही खूबसूरत जवाब दिया..*
*"नीचे बैठने वाला इंसान कभी गिरता नहीं.*."|।
*🙏🏻🌺🙏🏻 शुभ प्रभात🙏🏻🌺🙏🏻*
[15/02, 09:49] KS कुसुम सहगल दीदी: *परखता तो वक़्त है,*
*कभी हालात के रूप में, कभी*
*मजबूरियों के रूप में,* *भाग्य तो बस आपकी* *काबिलियत देखता है।*
*जीवन में कभी किसी से, अपनी*
*तुलना मत करो,*
*आप जैसे हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं।*
*🙏🏻 सुप्रभात🙏🏻*
प्रस्तुति - रेणु दत्ता / आशा सिन्हा
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