Saturday, April 18, 2020

शाम 18/04 के सत्संग में पढ़ा गया बचन


**राधास्वामी!!       
                       
 
 18-04 -2020-
                               
   आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-

कल से आगे-( 111 )

राधास्वामी मत भक्तिमार्ग है । राधास्वामी मत में भगवंत को छोड़कर बाकी जितने भक्ति के लवाजमें है सबको निचला दर्जा दिया गया है। अगर किसी का भगवंत ठीक नहीं है या अगर ठीक है लेकिन उसे ठीक तरह संबंध कायम नहीं किया गया और दिल में मनमाने ख्यालात उठा कर भक्ति की जा रही है तो चाहे कितना भी जप तप किया जावे, कितनी भी भीड़ भाड़ जमा हो जावे और कितना भी रुपया भक्ति के कामों पर सर्फ किया जावे असली फल कभी प्राप्त न होगा ।

जो लोग राधास्वामी दयाल की चरण शरण इख्तियार करते हैं उन्हें सच्चे मालिक का इष्ट बधँवाया जाता है और उनका सच्चे मालिक की चरणधार में से हर वक्त संबंध कायम रहता है इसलिए उनका भगवंत भी ठीक है और भगवंत से संबंध भी ठीक तौर कायम है।।

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻 
                              
 सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा**


**राधास्वामी!!    18-04-2020-                   
आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-                                                                         
(1) प्रेमी जन बिकल मन, गुरु दरशन चाहत।। टेक।। (प्रेमबानी-3-शब्द-5,पृ.सं.225)                                                   

 (2) अजब जहाँ के बीच काल ने जाल बिछाये अपना है।
 अंग अंग से बँधे जीव सब छुटन भया अति कठिना है।।
 जिन प्रताप ते महिमा इनकी काज न उनसे रखना है।
कौन चाल वह आप चले सब क्या साधन किया जतना है।।

 (प्रेमबिलास-शब्द-100
,पृ.सं.145)                                                       

(3) सतसंग के उपदेश-भाग तीसरा-          कल से आगे।। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी

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