Tuesday, April 28, 2020

आज शाम 28/04 को शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन




प्रस्तुति - कृति शरण /सृष्टि शरण

राधास्वामी!! 28-04 -2020       
              
  आज शाम के सत्संग में पढा गया बचन
- कल से आगे

 -(121 )

जैसे यह एक सृष्टिनियम है कि इस संसार में जन्म लेने के लिए हर आत्मा को , चाहे वह कितना भी महान क्यों ना हो, मां बाप की शरण लेनी पड़ती है ऐसे ही यह भी एक सृष्टिनियम है कि हर जीवआत्मा को चाहे वह कितना ही बुद्धिमान क्यों ना हो, इस संसार से पार होने के लिए सतगुरु की शरण लेनी पड़ती है ।

 जो लोग यह विचार करने का हौसला करते हैं कि बिला सतगुरु की मदद से काम चला लेंगे उनको यह मालूम नही है कि जिन रुकावटों ने उनकी आत्मा को मन व माया की कैद में रोक रक्खा है उनको फतह करने के लिए उनकी शारीरिक और मानसिक शक्तियां बिल्कुल असमर्थ है।

 उन रुटावटो को सिर्फ आत्मशक्ति जीत सकती है और यह तभी जाग सकती है जब कोई कामिल पुरुष अंतर व बाहर मदद दे।

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻

सतसंग के उपदेश- भाग तीसरा।




राधास्वामी!!

  28-04-2020-     

          

  आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-               
(1)                                                         
 (1) चल री स्रुत गुरु के देस, धर हिये अनुरागा।।टेक।। (प्रेमबानी-3-शब्द-15,पृ.सं.237)                                                                         

  (2) साँई मोहि नाम लगा भल तेरा।जिन मन बस कीन्हा मेरा।।टेक।। हार गया अस सर्ब रीति से जोर लगा बहुतेरा। पर मन निर्मल हुआ न कुछ भी। निज घट नेक न ठैरा।।(प्रेमबिलास-शब्द-106,पृ.सं.153)                                                                             

(3) सतसंग के उपदेश भाग तीसरा-कल से आगे।                 

  🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


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