Thursday, April 23, 2020

प्रेस की आजादी सूचकांक 2020



प्रेस की स्वतंत्रता

किन्हीं भी माध्यमों से प्राप्त आकड़ों को संग्रहित कर नैतिक मूल्यों के सम्मान को ध्यान में रखते हुए अपने विचार को प्रकट करना ही प्रेस कि स्वतंत्रता है





विभिन्न एलेक्ट्रॉनिक माध्यमों सहित परम्परागत रूप से प्रकाशित अखबारों को प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रेस की स्वतंत्रता कहा जाता है।
किन्तु इस समस्या का एक दूसरा पहलू भी है। दुनियाभर में मीडिया कार्पोरेट के हाथ में है जिसका एकमात्र उद्देश्य अधिक से अधिक फ़ायदा कमाना है। वास्तव में कोई प्रेस स्वतंत्रता है ही नहीं। बड़े पत्रकार मोटा वेतन लेते हैं और इसी वजह से वे फैंसी जीवनशैली के आदी हो गए हैं। वो इसे खोना नहीं चाहेंगे और इसलिए ही आदेशों का पालन करते हैं और तलवे चाटते हैं।[1]
विभिन्न देशों की सरकारें भी विभिन्न कानून लाकर प्रेस पर काबू पाना चाहते हैं। उदाहरण के तौर पर भारत सरकार नें हाल ही में ऑनलाइन मीडिया वेबसाइट पर निगरानी रखने के लिए नया कानून पेश किया है।[2] इसके तहत सरकार ऑनलाइन कुछ भी छपने पर नियंत्रण करना चाहती है।
कुँवर सुनील शाह युवा पत्रकार,दमोह भारतीय संविधान में उल्लेख किया गया है कि भारतीय मीडिया पत्रकारों को उनके प्रेस स्वतंत्रता का अधिकार देते हुए वह निचले स्तर की आवाज ऊपर शासन प्रशासन तक पहुंचाने के लिए किया गया है और प्रेस को स्वतंत्रता दी गई है कि वह न्याय दिलाने का काम करें इसी माध्यम से मीडिया क्षेत्र को न्याय का चौथा स्तंभ कहा गया है क्योंकि जो दबे कुचले जिस को न्याय नहीं मिलता उन लोगों की है आवाज उठाकर अपनी मीडिया पत्रकार पत्र अखबारों में प्रकाशित करते हुए उनकी आवाज शासन प्रशासन तक पहुंचाई जाती है जिसके माध्यम से न्याय मिलता है

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें


No comments:

Post a Comment

पूज्य हुज़ूर का निर्देश

  कल 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance सा...