Friday, April 24, 2020

भजन और भोजन




"भोजन और भजन"

     
  एक सेठ के घर के बाहर खड़ा होकर भजन गा रहा था और बदले में खाने को रोटी मांग रहा था। सेठानी काफी देर से उसको कह रही थी,आ रही हूँ। रोटी हाथ मे थी पर फिर भी कह रही थी की रुको आ रही हूँ। भिखारी भजन गा रहा था और रोटी  मांग रहा था।
       
 सेठ ये सब देख रहा था, पर समझ नही पा रहा था, आखिर सेठानी से बोला, "रोटी हाथ में लेकर खडी हो, वो बाहर मांग रहा है, उसे कह रही हो आ रही हूँ तो उसे रोटी  क्यो नही दे रही हो ?"
         
सेठानी बोली, "हाँ रोटी दूँगी, पर क्या है ना की मुझे उसका भजन बहुत प्यारा लग रहा हैं, अगर उसको रोटी  दूँगी तो वो आगे चला जायेगा। मुझे उसका भजन और सुनना है।"
     
  यदि प्रार्थना के बाद भी भगवान आपकी नही सुन रहे हैं तो समझना की उस   सेठानी की तरह प्रभु को आपकी प्रार्थना प्यारी लग रही है, इसलिये इंतजार करो और प्रार्थना करते रहो।
       
 जीवन मे कैसा भी दुख और कष्ट आये पर भक्ति मत छोड़िए। क्या कष्ट आता है तो आप भोजन करना छोड देते हैं ? क्या बीमारी आती है तो आप सांस लेना छोड देते हैं ? नही ना ? फिर जरा सी तकलीफ आने पर आप भक्ति करना क्यों छोड़ देते हो ?
   
    कभी भी दो चीज मत छोड़िये, भजन और भोजन। भोजन छोड़ दोगे तो जिंदा नहीं रहोगे, भजन छोड़ दोगे तो कहीं के नही रहोगे। सही मायने में भजन और भोजन दोनों ही आवश्यक हैं।

🙏🙏🙏


: *वचन --62*


        *"स्वामीजी महाराजजी"*

             
*यह तरंगे भी थोड़ी बहुत जरूर उठेंगी क्योंकि अभ्यासी जिस कदर रास्ता तैह करता हैं, उसी कदर काल और  माया से उसकी लड़ाई होती जाती है और यह दोनों नई तरंगे काम,क्रोध, लोभ,मोह, और अहंकार की, जिनकी जड़ असल में त्रिकुटी के मुकाम पर है उठा कर अभ्यासी को गिराना और उसका रास्ता रोकना चाहते हैं ।

इस लिये  अभ्यासी को मुनासिब है कि सतगुरू  राधास्वामी दयाल की दया का बल लेकर उन तरंगों  को काटता और हटाता जावे जो भूल चूक हो जावे या उन तरंगों के साथ लिपट कर गिर जावे या फिसल जावे तो उसका कुछ अंदेशा नहीं हैं ।

चाहिए कि फिर होशियार होकर अपना काम मजबूती और दुरूस्ती से करे जावे तो मालिक दयाल की दया से आहिस्ता आहिस्ता इन दोनों के बल को तोड़ता जावेगा और एक दिन उन पर फतेह पावेगा।।*


राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी दयाल की दया राधास्वामी सहाय राधास्वामी।।।।।।।
।।।।।।।।।






No comments:

Post a Comment

पूज्य हुज़ूर का निर्देश

  कल 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance सा...