**राधास्वामी !! 23-04-2020-आज शाम के सत्संग में पढा गया बचन- कल से आगे -(116 ) लोग पूछते हैं कि जीव स्वतंत्र है या परतंत्र । जवाब यह है कि सृष्टि नियमों का पालन करता हुआ जीव जो चाहे वह कर सकता है मगर असली मानी में न वह स्वतंत्र है न परतंत्र । एक हद तक जीव स्वतंत्र है और उसके बाद प्रसतंत्र है। अगर जीव स्थूल देह से आजाद हो जाये तो स्थूल -देह-सम्बन्धी सृष्टि नियमों से उसे फौरन स्वतंत्रता मिल जाए और अगर उसका मन से भी छुटकारा हो जाए तो उसकी सुरत आजाद होकर सच्ची स्वतंत्रता में बर्त सकती है । सवाल-क्या ऐसी हालत होने पर भी सुरत संसार से लौट सकती है ? जवाब -नहीं सवाल- तब तो सुरत स्वतंत्र ना रही? जवाब-स्वतंत्र के मानी ये है कि सुरत जो खुद चाहे सो करें और उसे कोई रोकने या मजबूर करने वाला ना रहे, न कि जो दूसरों के मन में आ सो उसे करना पड़े। निर्मल चेतन अवस्था प्राप्त होने पर सुरत के अंदर संसार में लौटने की ख्वाहिश ही नहीं उठ सकती और जब ख्वास्हिश ही नहीं तो फिर उसकी संसार में वापसी कैसे हो । इसी मानी में बतलाया गया कि सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त होने पर सुरत संसार में नहीं लौट सकती। सवाल करने वाला ख्वाहिश कर सकता है। कि सुरत संसार में वापस आवे लेकिन सवाल करने वाला सुरत नहीं है ,मन है। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा**
Thursday, April 23, 2020
आज 23/04 शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन
**राधास्वामी !! 23-04-2020-आज शाम के सत्संग में पढा गया बचन- कल से आगे -(116 ) लोग पूछते हैं कि जीव स्वतंत्र है या परतंत्र । जवाब यह है कि सृष्टि नियमों का पालन करता हुआ जीव जो चाहे वह कर सकता है मगर असली मानी में न वह स्वतंत्र है न परतंत्र । एक हद तक जीव स्वतंत्र है और उसके बाद प्रसतंत्र है। अगर जीव स्थूल देह से आजाद हो जाये तो स्थूल -देह-सम्बन्धी सृष्टि नियमों से उसे फौरन स्वतंत्रता मिल जाए और अगर उसका मन से भी छुटकारा हो जाए तो उसकी सुरत आजाद होकर सच्ची स्वतंत्रता में बर्त सकती है । सवाल-क्या ऐसी हालत होने पर भी सुरत संसार से लौट सकती है ? जवाब -नहीं सवाल- तब तो सुरत स्वतंत्र ना रही? जवाब-स्वतंत्र के मानी ये है कि सुरत जो खुद चाहे सो करें और उसे कोई रोकने या मजबूर करने वाला ना रहे, न कि जो दूसरों के मन में आ सो उसे करना पड़े। निर्मल चेतन अवस्था प्राप्त होने पर सुरत के अंदर संसार में लौटने की ख्वाहिश ही नहीं उठ सकती और जब ख्वास्हिश ही नहीं तो फिर उसकी संसार में वापसी कैसे हो । इसी मानी में बतलाया गया कि सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त होने पर सुरत संसार में नहीं लौट सकती। सवाल करने वाला ख्वाहिश कर सकता है। कि सुरत संसार में वापस आवे लेकिन सवाल करने वाला सुरत नहीं है ,मन है। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 सत्संग के उपदेश -भाग तीसरा**
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
पूज्य हुज़ूर का निर्देश
कल 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance सा...
-
संत काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां / विशेषताएं ( Sant Kavya : Parampara Evam Pravrittiyan / Visheshtayen ) हिंदी साहित्य का इतिहास मुख्...
-
प्रस्तुति- अमरीश सिंह, रजनीश कुमार वर्धा आम हो रहा है चुनाव में कानून तोड़ना भारतीय चुनाव पूरे विश्व में होने वाला सबसे बड़ा चुनाव ह...
-
दुनिया भर में महिलाएं इस वक्त खुद को बेहद तनाव और दबाव में महसूस करती हैं. यह समस्या आर्थिक तौर पर उभरते हुए देशों में ज्यादा दिख र...
No comments:
Post a Comment