Thursday, April 16, 2020

परम पूज्य हुजूर सत्संगी साहब के बचन



डायमंड जुबली मेमोरियल लेक्चर के पश्चात्
परम पूज्य हुज़ूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब द्वारा फ़रमाया गया अमृत बचन

(29 फ़रवरी, 2020 को पंजाबी फ़ार्म में कृषि कार्य के दौरान)

        1. भौतिक जगत के आधार की खोज करने वाले वैज्ञानिक समुदाय ने भौतिक जगत की व्याख्या हेतु String Theory (स्ट्रिंग सिद्धांत) की रचना की है और वे सही दिशा में हैं।

        2. सूक्ष्म जगत 21 कोटि स्वतंत्रता/स्वच्छन्दता के साथ पूर्णतः परिसीमित (बंद) है किन्तु स्थूल जगत (macrocosm) जैसा कि Max Planck  के energyQuantas में बताया है पूर्णतः खुला (असीमित) है, सूक्ष्माणु कणों में अनन्त कोटि से अनन्त और अनन्त तक।

        3. वेद, उपनिषद, कश्मीरी-शैविस्म तथा भगवद्गीता आदि पुरातन शास्त्रों में पदार्थ व मन दो वृहद् भागों का विवरण दिया गया है। पदार्थ व मन के दो वृहद् भागों की व्याख्या के लिए 14 आयामों की आवश्यकता है क्योंकि 14 कोटि स्वतंत्रता है। Membrane based string Theory (मेम्बरेन पर आधारित स्ट्रिंग थ्योरी) 10आयामों की चर्चा करती है। अतः इसमें अन्य 4 आयाम जोड़ने की आवश्यकता है।

        4. संत मत के अन्तर्गत निर्मल चेतन देश भी है जिससे 7 कोटि स्वतंत्रता/स्वछंदता जुड़ने के पश्चात् कुल 21 कोटि स्वतंत्रता/स्वछंदता होती है। पूर्व में वैज्ञानिक कुछ ही आयामों की चर्चा करते थे किन्तु अब 10 आयामों की बात करते हैं। इस प्रकार खोज/अनुसंधान विज्ञान को पूर्वी परम्परा (Eastern Traditions) और संत मत में दिए गए विवरण के समीप ला रहे हैं।

 5. दयालबाग़ एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, Deemed University यू.जी.सी. व एम.एच. आर. डी. (MHRD) द्वारा मान्यता प्राप्त है और यही DEI (DeemedUniversity) Education Policy Document 1975 के मुख्य पृष्ठ (coverPage) पर लिखा है, के सम्बंध में सरकार को अपना stand (पक्ष/दृष्टिकोण) स्पष्ट रखना चाहिये। यदि वे हमें सरकार द्वारा वित्तीय पोषित (funded) संस्थान मानते हैं तो हमें सरकार द्वारा वित्तीय पोषित संस्थान के सभी Privileges (विशेषाधिकार) दिए जाने चाहिए। हमारा MoA व Rules तथा Bye Laws (उप विधियाँ) सुप्रलेखित हैं तथा हमारे कार्य संचालन में उनका सख़्ती के साथ पालन किया जाता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) द्वारा DEI , Deemed University के रूप में प्राप्त सभी अनुदानों (Grants) का वित्तीय समिति द्वारा निर्धारित विधि से लेखा परीक्षण (Audit) आवश्यकतानुसार स्वीकृत करवाकर यू.जी.सी. के माध्यम से भारत सरकार के MHRD को प्रेषित किया जाता है तथा पूर्णतया दस्तावेज है। लेखा जोखा (Account books) में इसका उपयोग सावधानी के साथ प्रदर्शित किया जाता है। लेखा बही (Account books) यह प्रदर्शित करती है कि वित्तीय पोषण का प्रमुख भाग सरकार द्वारा प्राप्त होता है तथा शेष भाग चैरिटेबिल सोसाइटीज़ द्वारा प्रदान किया।







जाता है। 11 लाख रुपये की मामूली रक़म के लिए सरकार उक्त सभी तथ्यों को अनदेखा नहीं कर सकती है। यदि सेन्ट्रल गवर्नमेंट को 11 लाख रुपयों की आवश्यकता है तो हमारी प्रायोजक संस्था (Sponsoring Body,राधास्वामी सतसंग सभा जो कि एक धार्मिक और धर्मार्थ संस्था है) उन्हें यह 11 लाख रुपये ख़ुशी से धर्मार्थ दे सकती है।
        6. Advisory Committee on Education (ACE) एक ग़ैर संवैधानिक संस्था है जो DEI (Deemed University) की गवर्निंग बॉडी तथा इसकी प्रायोजक संस्था राधास्वामी सतसंग सभा, दयालबाग़ की सम्मिलित स्वीकृति के उपरान्त गठित की गई है जो आम सहमति से निर्माण प्रक्रिया द्वारा 'Think Tank' के रूप में सेवा करती है।
राधास्वामी

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