Sunday, April 19, 2020

मोहक मधुर मस्त मनोहर प्रेरक उक्तियां




प्रस्तुति - कुसुम सहगल



☝🏽 *जब हम सच्चे दिल से* *कोशिश करते हैं,*
 *तब परमात्मा भी हमारी सहायता* *करते हैं... कुदरत भी हमारे अनुकूल वैसा ही वातावरण और* *परिस्थिति बना देती है।*
 *परमात्मा की दया का हाथ सदा* *हमारे सिर पर होता है,* *चाहे पता हो या न  हो ।*
🙏🏽☝🏽🙏🏽
 🌹सुप्रभात🌹


✍🏻.....
*बात लगाव और एहसास की होती है*    *वरना...*
 *मैसेज तो कंपनी वाले भी कर देते हैं..*
          *
🌞सुप्रभात🌞*

*🍃༺꧁꧂༻🍂*



*कुछ सिखाकर ये दौर भी गुजर जायेगा..*
*फिर एक बार हर इंसान मुस्कुराएगा...*
*मायूस न होना मेरे दोस्तों इस बुरे वक़्त से,*
*कल ,आज है और आज , कल हो जाएगा।*.

*”अपना व परिवारजन का ख़याल रखें...घर से बाहर ना निकले

🙏🙏🙏🙏🙏




🌹🌹🌹 *जीवन का सत्य* 🌹🌹🌹


*दिल में "बुराई" रखने से बेहतर है, कि "नाराजगी" जाहिर कर दो ।*

*जहाँ दूसरों को "समझाना" कठिन हो, वहाँ खुद को समझ लेना ही बेहतर है ।*

*"खुश" रहने का सीधा सा एक ही "मंत्र" है, कि "उम्मीद" अपने आपने किसी खास से रखो, सभी से नहीं*.

 *"गिले-शिकवों" का भी कोई "अंत" नहीं है साहिब..!*
*"पत्थरों" को शिकायत ये है कि पानी की मार से टूट रहे हैं हम...!*
                    *और*
*"पानी" का गिला ये है कि पत्थर हमें खुलकर बहने नहीं देते हैं ...!!*


 *🙏�🌺 🌾🌺🙏*


*कठिनाइयां जब आती हैं तो कष्ट देती हैं,
 पर
 जब जाती हैं तो आत्म बल का ऐसा उत्तम उपहार दे जाती है जो उन कष्टों, दुःखों की तुलना में हजारों गुना मूल्यवान होता है।*

                *🌹सुप्रभात🌹*




*परम सौभाग्यशाली वह हैं,*
*जिनके पास..*
*भोजन के साथ भूख है,*
*सेज के साथ नींद है,*
*धन के साथ उदारता है,*
*विशिष्टता के साथ शिष्टता है।*



🌹 *सुप्रभात* 🌹



*इंसान की अच्छाई पर,*
 *सब ख़ामोश रहते हैं।*
           *लेकिन*
 *चर्चा उसकी बुराई पर हो,*
 *तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं।*


🌹 Good Morning* 🌹


*✍🏻तारीफ चरित्र कि हो तो ज्यादा बेहतर है!...चित्रो की नहीं...*

*क्योंकि चित्र बनाने में कुछ दिन,कुछ समय लगते हैं...चरित्र बनाने में पूरा जीवन.......l*

     *अपनी सुंदरता का आंकलन*
*दर्पण में नहीं......*
*लोगों के हृदय में ढूंढें!!!*

           *💐सुप्रभात💐*

 *

तूफान में कश्तिया*


       *और*
 *अहंकार में हस्तियां*
       *डूब जाती है।..*
              *क्योंकि*
           *जीते जी*
   *इंसान की प्यास कभी*
         *नही बुझती*
           *शायद इसीलिए*
      *अस्थियां नदी में*
       *बहाई जाती हैं*



राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
राधास्वामी
।।।।।।।।।।।।।।



🙏🙏 *सुप्रभात* 🙏🙏

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