Friday, June 19, 2020

शाम के समय पढ़ा गया वचन






राधास्वामी!!

19-06-2020- आज शाम के सतसंग में पढे गये:-                                         

(1) निरखो निरखो सखी ऋतु आई बसंत। खोज करो घर आदि अंत।। (प्रेमबानी-भाग-3,शब्द-6,पृ.सं.283)                             

(2) साँई हमरे गरीबनिवाज।।टेक।। (प्रेमबिलास-शब्द-132,पृ.सं. 197)                                         (3) यथार्थ प्रकाश-भाग पहला-कल से आगे!                                                     

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻

राधास्वामी!!     

                                      

19 - 06 -2020

- आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-

 कल से आगे-( 25)

यदि उन लोगों से , जो नाम के सुमिरन के बदले नियत आयतें या मंत्र पढ़ते हैं, यह प्रश्न किया जाय कि क्या इन्हें पढ़ते समय तुम्हारे मन की ऐसी अवस्था हो जाती है कि तुम्हारे चित्त की वृति आयतों या मंत्रों के विषयों से ठीक ठीक मेल खाती जाय, या ऐसा होता है कि तुम मन पर जोर देकर आयत के पीछे आयत या मंत्र के पीछे मंत्र बोलते जाते हो और तुम्हारा मन पीछे रह जाता है और कभी-कभी इधर उधर भाग जाता है तो वे निःसंदेह स्वीकार करेंगे कि मन का आयतों या मंत्रों के विषयों के साथ साथ चलते रहना बहुत ही कठिन है।

 यदि किसी मनुष्य को हृदय की उच्च कोटि की निर्मलता प्राप्त है और आयतो या मंत्रों के विषयों के साथ साथ चलते रहना बहुत कठिन है।

यदि किसी मनुष्य को हृदय की उच्चकोटि की निर्मलता प्राप्त है और आयतों या मंत्रों के अर्थ पूरे तौर दिमाग में बैठ गये है  और  निरंतर अभ्यास से उसका मन उन अर्थों को अपने भाव बना चुका है और आयतें या मंत्र पढ़ते समय अपने आप वे भाव क्रमशः उसके मन में उठते जाते हैं वही मनुष्य उन आयतो
 या मंत्रों के पाठ से असली लाभ उठा सकता है ।।                     

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻

(यथार्थ प्रकाश भाग पहला

 परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!)


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