**24 जून 1937-(परम गुरू हुजूर साहबजी महाराज जी ने निज धाम पधारने की मौज फरमाई) 24 जून शाम का सतसंग हुआ जिसमें परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज ने पूरी आवाज में मंगलाचरण व बिनती पढी। जब सतसंग समाप्त हो गया हुजूर साहबजी महाराज पंलग पर बैठ गये और हाथ जोडकर तमाम संगत से राधास्वामी कहा! 8:30 बजे रात को साहबजी महाराज अपने इस नश्वर शरीर से प्रस्थान कर गये।। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
Tuesday, June 23, 2020
साहब जी महाराज निज धाम मौज
**24 जून 1937-(परम गुरू हुजूर साहबजी महाराज जी ने निज धाम पधारने की मौज फरमाई) 24 जून शाम का सतसंग हुआ जिसमें परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज ने पूरी आवाज में मंगलाचरण व बिनती पढी। जब सतसंग समाप्त हो गया हुजूर साहबजी महाराज पंलग पर बैठ गये और हाथ जोडकर तमाम संगत से राधास्वामी कहा! 8:30 बजे रात को साहबजी महाराज अपने इस नश्वर शरीर से प्रस्थान कर गये।। 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ
प्रस्तुति - रामरूप यादव सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...
-
प्रस्तुति- अमरीश सिंह, रजनीश कुमार वर्धा आम हो रहा है चुनाव में कानून तोड़ना भारतीय चुनाव पूरे विश्व में होने वाला सबसे बड़ा चुनाव ह...
-
From Wikipedia, the free encyclopedia This article is about the academic discipline. For the academic journals named Theological St...
-
Poor Best नाम : मोहनदास करमचंद गांधी। उपनाम : बापू, संत, राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी। जन्मतिथि : 2 अक्तूबर 186...
No comments:
Post a Comment