Friday, November 6, 2020

प्रेमपत्र / 06/011

 **परम गुरु हुजूर महाराज- प्रेम पत्र -भाग 1-

 कल से आगे-( 3) 

तीसरा यह है कि पिछले या इसी जन्म के कर्मों के सबब से कोई बीमारी या और किसी किस्म की तकलीफ या कष्ट अभ्यासी को पैदा होवे, या जो उसके कुटुंब और परिवार या खास रिश्तेदारों में है उनकी तबीयत अपने कर्मों के फल करके बीमार होवे या और कोई तकलीफ या कष्ट उनको लग जावे और बसबब उनकी प्रीती और संग रहने के अभ्यासी के मन पर भी उसका असर पहुँचे यानी उसको चिंता या फिक्र पैदा होवे, और उस बीमारी या तकलीफ अपनी या अपने कटुम्बियों की चिंता के सबब से मन और सुरत ध्यान और भजन में अच्छी तरह नहीं लगें, तब मन घबरा कर जल्दी पुकार चरणों में करता है। 

और जो मंजूर हो गई और बीमारी और तकलीफ या कष्ट हट गये ,तो खुश होकर शुकराना करता है , और नहीं तो चित्त दुखी और उदास होकर राधास्वामी दयाल की तरफ से रुखा और फीका हो जाता है और कहता है कि क्यों नहीं जल्दी कर्म काट देंवें, और इस कदर सहायता क्यों नहीं करते कि जिसमें तबीयत ज्यादा न घबरावे  और अभ्यास दुरुस्ती से बने जावे और जो अभी दया नहीं करते तो आइंदा कर्म कैसे काटे जाएंगे और दुखो से कैसे बचाव करेंगे।      

जतन और इलाज अभ्यासी के हाथ से:-            

I   ऐसी हालत में अभ्यासी को चाहिए कि धीरज के साथ जो तकलीफ होवे, उसको बर्दाश्त करें और हो सके तो सतस़ग की हाजिरी देवे और चित्त से बचन सुने। और जो सतसंग प्राप्त न होवे तो जिस कदर बन  सके तवज्जह अपनी लेटे हुए भजन या ध्यान या सुमिरन में लगावे और जो इन कामों में मन न लगे यानी तकलीफ के सबब से यह अभ्यास न बन सके, तो चित्त के साथ नाम की धुन आहिस्ता आहिस्ता या थोड़ी आवाज के साथ बतौर कड़ी के उच्चारण करें, इस तरह पर :- 

राधास्वामी राधास्वामी राधास्वामी। राधास्वामी राधास्वामी राधास्वामी।। 

या इस तौर पर-' राधास्वामी सतगुरु दयाल' ' हे राधास्वामी सतगुरु दयाल' और जो धुन के साथ नाम का उच्चारण भी न कर सके तो पोथी का पाठ करें, या दूसरे से पाठ करा कर तवज्जह के साथ अर्थो पर नजर रख कर सुने।  

इनमें से जो अभ्यास थोड़ा बहुत बन आवेगा तो जरूर तकलीफ किसी कदर कम हो जावेगी क्योंकि वह तकलीफ पिछले खराब कर्मों के सबब से पैदा हुई है और अब जो परमार्थी करतूत संतो के बचन के मुआफिक की जावेगी उसका असर पिछले कर्म के फल को काट देगा। 

क्रमशः                            

 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


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