Thursday, November 5, 2020

प्रेमपत्र

 **परम गुरु हुजूर महाराज- प्रेम पत्र -भाग 1

- कल से आगे:-

【 प्रार्थना चरणों में राधास्वामी दयाल के】

                                     

 ऐसी समझ ले कर उन नाकिस और ओछे भोगों की बासना को जल्द दूर करके और अपनी गलती और चूक पर शरमाकर माफी के वास्ते चरणों में प्रार्थना करें और सर्वअंग  करके यानी पूरी तवज्जह के साथ अभ्यास में लगे, तो राधास्वामी दयाल की दया से जल्द हालत बदल जावेगी और अंतर में मामूली रस और आनंद बल्कि मामूल से ज्यादा मिलेगा ।।   

                                   

प्राप्ति दया की:- और इस तरह राधास्वामी दयाल की दया की परख होगी कि अपने प्यारे बच्चों की किस तरह से सँभाल करते हैं और उनको उनके मन की कसर और मलिनता दिखा कर उस विकार को आहिस्ता आहिस्ता निकालते जाते है और समझ बढा कर और सफाई और भक्ति की रीति सिखा कर अंतर में रस और आनंद बख्शते है। 

क्रमशः

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


No comments:

Post a Comment

सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...