Thursday, August 6, 2020

रोजाना वाक्यात /प्रेमपत्र 0708-2020

 **परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज 

रोजाना वाकिआत-

17 दिसंबर 1932- शनिवार :


-मॉडल इंडस्ट्रीज ने फाउंटेनपेन में प्रयुक्त होने वाला एक नया निब पेश किया। उस निब की नोक पर जो मसाला लगाया गया है उसकी बहुत तारीफ की जाती है। निब आजमाईश के लिए मॉडल इंडस्ट्रीज के हेड क्लर्क को दिया गया । मिस्त्री का बयान है कि एक हफ्ता तक यह निब रोशनाई में डूबा रखा गया और उस पर तनिक भी असर नहीं हुआ। अगर परीक्षण में यह निब पूरा उतरा तो हमेशा के लिए यूरोप से निब मंगाने का झगड़ा छूट जाएगा और जो भाई दयालबाग फाउंटेनपेन पर बेवजह विलायती निब के नाक भौं चढ़ाते हैं उनकी भी शिकायत जाती रहेगी।।                      


 महाराजा अलवर में यूनिटी कॉन्फ्रेंस में निहायत प्रभावशाली व दिलचस्प तकरीर दी है । जो अध्ययन के लायक है। महाराजा साहब ने अपने विषय को बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत किया है जिससे उनकी आला शैक्षिक योग्यता प्रकट होती है। आप संयुक्त चुनाव के हक में है।  आपने फरमाया जब यह निश्चित हो गया कि हुकूमत की बागडोर चुने हुए प्रतिनिधियों के हाथ में दी जावे फिर अलहदगी के क्या मानी? 


मुशतर्का खानदान व मुशतर्का रोजगार में रौनक हुआ करती है या विभाजित खानदान व मुन्कसिम पूँजी  रोजगार में?  नुमाइन्दगान के लिए मौजूदा मुश्किलात देखकर हिम्मत ना हारने के मुतअल्लिक़ आपने फरमाया अक्सर ऐसा होता है कि जमीन की सतह पर पानी नजर नहीं आता लेकिन जब जमीन खोदते हैं तो जरूर निकल आता है। इसलिए हिम्मत ना हारो और खोद खाद कर ऐसी योजनाएं निकालो जो जुमला फरीकान को पसंद आवे। वकई महाराजा बहादुर तारीफ के अधिकारी है जो कभी कभी उनकी शैक्षिक योग्यता के मुतालिक अखबारों में पढ़ने में आती है।


 क्रमशः         


 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻*l


प्रेम पत्र 


*परम गुरु हुजूर महाराज-

 प्रेम पत्र- भाग 1- कल से आगे:-( 6) 

जिस कदर इस अभ्यास की कमाई राधास्वामी दयाल की दया से बनती जावेगी, उसी कदर मन और सुरत सिमटकर आकाश की तरफ पिंड में और फिर उसके परे ब्रह्मांड में जावेंगे और फिर सूरत उसके भी परे  दयाल देश यानी सत्तपुरुष राधास्वामी देश में चढकर पहुँच जाएगी, और देह और इंद्री और मन और संसार की सुध बुध दिन दिन भूलती जावेगी।                                                          


जिस किसी से एक भी दर्जे की कमाई किसी कदर बन पड़ेगी, वह मुताबिक अपनी सुरत की चढ़ाई के तन मन और इंद्रियों को किसी कदर बस में लावेगा और उसी कदर उसकोअंदर में मालिक का दर्शन प्राप्त होता जाएगा, यानी पहले दर्जे में आत्मा और परमात्मा का और दूसरे दर्जे में यानी ब्रह्मांड में ब्रह्म और पारब्रह्म का, जो कि तिरलोकी का नाथ है , और तीसरे दर्जे में सत्तपुरुष राधास्वामी दयाल का, जो कि कुल मालिक और सर्व समर्थ है, दर्शन पावेगा। 


क्रमशः 


🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**



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