Wednesday, June 3, 2020

यथार्थ प्रकाश





राधास्वामी!! 03-06-2020- आज शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-                           
(1) गुरू धरा सीस पर हाथ। मन क्यों करे।। (प्रेमबानी-3-शब्द-3,पृ.सं.272)                                   

 (2) मन सोच समझ रे भाई। तेरे हित की कहूँ बुझाई।। (प्रेमबिलास-शब्द-125,पृ.सं.181)                                                           

 (3) यथार्थ प्रकाश भाग-1--कल से आगे।           

          🙏🏻राधास्वामी🙏🏻


राधास्वामी!!

                                 

   03-06- 2020 -आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- यथार्थ प्रकाश- भाग पहला-{ राधास्वामी मत की शिक्षा}:- कल से आगे  :-             


                                   

(4) राधास्वामी- मत बतलाता है कि कुलमालिक ने आत्माओं को सृष्टि से संबंध कायम करने और मनुष्य शरीर से पूरा लाभ उठाने का अवसर देने के अभिप्राय से इस (मनुष्य शरीर) के भीतर अनेक गुप्त शक्तियाँ स्थापित कीं और मनुष्य- जाति को इस दात और इसके लाभ से सूचित करने के लिए यह प्रबन्ध किया कि संसार में समय-समय पर ऐसी पवित्र और प्रबुद्ध आत्माओं का अवतरण हो जो उन शक्तियों के रहस्य, उनके जागृत करने की युक्तियों और उनके उपयोग करने की रीति से पूरी तरह जानकार हों और जिन्हें वे रहस्य दूसरों को समझाने , उन शक्तियों को जगाने और मनुष्य- जाति को उनसे लाभ प्राप्त कराने की सामर्थ्य हो।                                                             

   (5) इसी कारण राधास्वामी -मत में खास जोर इस बात पर दिया जाता है कि मनुष्य अपनी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार की शक्तियों का जागरत् करना जीवन का लक्ष्य बनावे और आलस्य और अज्ञान को पटक कर वीरों के समान उचित उपायों का उपयोग करें।।                                                               

🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 यथार्थ प्रकाश -भाग 1 -परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!


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