Friday, September 11, 2020

दयालबाग़ सतसंग

 शाम के सतसंग में पढे गये पाठ-         

                      

(1) जो जन राधास्वामी सरना पडे। उनके जागे भाग बडे।।-(राधास्वामी काज किया सब पूरा। उन बिन को अस दया करे।।) (प्रेमबानी-3-शब्द-22, पृ.सं.367)                                    

(2) राधास्वामी सतगुरु संत की चरन धूर धर चीत। बिरही प्रेमी कारने रचूँ उन महिमा गीत।।-( ठूठा था सो गल गया गल कर हूआ चूर। सिंध जल पर न घटा रहा अधर भरपूर।। )                            ( प्रेमबिलास-2-शब्द-51(दोहे संत सतगुरु महिमा) पृ.सं. 65)                                   

(3) यथार्थ प्रकाश- भाग पहला-कल से आगे।                               🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


 आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन-

 कल से आगे- (106) 


सभा ने सत्संगीजनता को लाभ पहुँचाने के अभिप्राय से कई एक उपयोगी संस्थाएँ स्थापित की है। और यद्यपि इन संस्थाओं का व्यय सभा के कोर से पूरा किया जाता है और गवर्नमेंट के अतिरिक्त किसी बाहरी व्यक्ति से अर्पित की हुई किसी प्रकार की आर्थिक सहायता स्वीकार नहीं की जाती तथापि इन संस्थाओं में हर जाति और संप्रदाय के लोग बिना किसी प्रकार की रोक टोक के भर्ती किये जाते हैं।

 दयालबाग के विद्यालयों और कारखानों में सैकड़ों बाहरी विद्यार्थी और कारीगर पढ़ते और काम करते हैं। और दयालबाग के हस्पताल से आस पास के रहने वालों की चिकित्सा- संबंधी सहायता बिना फीस और बिना मूल्य दी जाती है।  सभा की निम्नलिखित संस्थाएँ हैं:-                                                         

  ( 1) इंटरमीडिएट कॉलेज तथा हाई स्कूल।।                                                         

  (2) महिला विद्यालय (हाई स्कूल)।                                                    (3) टेक्निकल कॉलेज- इसमें हाई स्कूल पास विद्यार्थी लिए जाते हैं और मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, और ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में शिक्षा दी जाती है।।            (4) कारखाना मॉडल इंडस्ट्रीज- इसकी तीन शाखाएँ हैं:-( क) जेनरल फैक्टरी जिसमें बिजली, लोहे ,पीतल का काम होता है। (ख)  लेदर गुड्स फैक्ट्री ।और (ग) टेक्सटाइल फैक्ट्री ।                                                        (5 ) लेदर वर्किंग स्कूल -इसमें चमड़े के सामान के संबंध में विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाती है ।                                                   (6) डेरी- इसमें मांटगोमरी, रोहतक, हिसार, झांसी,सिन्ध, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से पशु मँगवा तजरुबे किये जा रहे हैं।  लोग कहते हैं ऐसी डेरी भारत भर में नहीं है।                                        (7) शरण-आश्रम- यह एक पर्याप्त विस्तृत परिणाम का चिकित्सालय है। इसमें सत्संगी अनाथ बच्चों के लिए अनाथालय भी सम्मिलित है।                                             ( 8) चमडा रँगने का कारखाना- यह एक नया कारखाना है जो अभी कुछ दिन हुए स्थापित किया गया है।।                                     (9) तिमरनी हाई स्कूल- यह हाई स्कूल स्थान तिमरनी, सी०पी० प्रदेश, में तिमरनी और राजाबरारी प्रदेश के विद्यार्थियों के लाभार्थ स्थापित किया गया है ।               (10) रहट गँव हस्पताल- यह हस्पताल निर्मित कराके प्रादेशिक चिकित्सा विभाग को सौंप दिया गया है और रहटगाँव तिमरनी से 9 मील और राजाबरारी से 18 मील की दूरी पर स्थित है। सहस्त्रो निर्धन  पहाड़ी लोग इस हस्पताल से लाभ उठाते हैं। नोट:- सभा की संस्थाओं का विस्तृत विवरण जानने के लिए अंग्रेज़ी पैम्पलेट 'दयालबाग' का अवलोकन उचित होगा।।                                     🙏🏻राधास्वामी🙏🏻 यथार्थ प्रकाश -भाग पहला- परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज!**

No comments:

Post a Comment

सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...