Thursday, September 10, 2020

आज का दिन मंगलमय हो

 प्रस्तुति - कृष्ण  मेहता 

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 11 सितम्बर 2020*

⛅ *दिन - शुक्रवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद*

⛅ *मास - अश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - भाद्रपद*

⛅ *पक्ष - कृष्ण* 

⛅ *तिथि - नवमी 12 सितम्बर प्रातः 04:19 तक तत्पश्चात दशमी*

⛅ *नक्षत्र - मॄगशिरा शाम 03:25 तक तत्पश्चात आर्द्रा*

⛅ *योग - सिद्धि शाम 06:25 तक तत्पश्चात व्यतिपात*

⛅ *राहुकाल - सुबह 10:51 से दोपहर 12:23 तक* 

⛅ *सूर्योदय - 06:25* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:45* 

⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - अविधवा नवमी, नवमी का श्राद्ध*

 💥 *विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *कौन सा वृक्ष लगाने से क्या  फल मिलता है*🌷

🙏🏻 *भविष्यपुराण में आता हैं कि अशोक-वृक्ष लगाने से कभी शोक नहीं होता, प्लक्ष (पाकड़) वृक्ष उत्तम स्त्री प्रदान करवाता है ज्ञानरुपी फल भी देता हैं | बिल्ववृक्ष दीर्घ आयुष्य प्रदान करता है | जामुन का वृक्ष धन देता है, तेंदू का वृक्ष कुलबुद्धि कराता है | दाडिम (अनार) का वृक्ष स्त्री-सुख प्राप्त कराता है | बकुल पाप-नाशक, यंजुल (तिनिश) बल-बुद्धिप्रद है | धातकी (धव) स्वर्ग प्रदान करता हैं | वटवृक्ष मोक्षप्रद, आम्रवृक्ष अभीष्ट कामनाप्रद और गुवाक (सुपारी) का वृक्ष सिद्धिप्रद है | वल्वल, मधूक (महुआ) तथा अर्जुन-वृक्ष सब प्रकार का अन्न प्रदान करता है | कदम्ब-वृक्ष से विपुल लक्ष्मी की प्रप्ति होती है | तिन्तिडी )इमली) का वृक्ष धर्मदूषक माना गया है | शमी-वृक्ष रोग-नाशक है | केशर से शत्रुओं का विनाश होता है | श्वेत वट धनप्रदाता पनस (कटहल)वृक्ष मंद बुद्धिकारक है | मर्कटी (केंवाच)एवं कदम-वृक्ष के लगाने से संतति का क्षय होता है |*

*शीशम, अर्जुन, जयंती, करवीर, बेल तथा पलाश- वृक्षों के आरोपण से स्वर्ग की प्राप्ति होती है | विधिपूर्वक वृक्ष का रोपण करने से स्वर्ग-सुख प्राप्त होता है और रोपणकर्ता के तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं |*

             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *व्यतिपात योग* 🌷

🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*

🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*

🙏🏻 *व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुए नाराज हुए उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नहीं दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नहीं थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसू बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।*

💥 *विशेष ~ 11 सितम्बर 2020 शुक्रवार को शाम 06:26 12 सितम्बर शनिवार को शाम 05:35 तक व्यतिपात योग है।*

🙏🏻



             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏🚩🚩 *" ll जय श्री राम ll "* 🚩🚩

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