Sunday, September 27, 2020

रोजाना वाक्यस्त

 **परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज-

 रोजाना वाकिआत- 22 जनवरी- रविवार :-   

                              

     सुबह के वक्त गीता के विभिन्न तर्जुमों का अपने तर्जुमा से मुकाबला करके फर्क दिखलाया गयि। तीसरे पहर अर्सा बाद विद्यार्थियों का सत्संग हुआ । जिसमें मिलकर जिंदगी बसर करने के लाभ बयान हुए।।                                                               रात के सत्संग में गीता के उपदेशों पर रोशनी डाली गई। मेरी राय में गीता के रचनाकार का मंशा यह था कि कृष्ण जी की भक्ति को दूसरे सब उस समय प्रचलित मतों पर प्रधानता साबित की जाये। और मुसन्निफ़ की काबिलियत इसमें है कि किसी दूसरे मत के खिलाफ सख्त अल्फाज इस्तेमाल न करते हुए अपना उद्देश्य हासिल कर लिया। 

कर्मकांड ,त्याग ,सन्यास, ज्ञान सभी की महिमा बयान करके देह रूप कृष्ण जी की शरण व भक्ति को सबसे उच्चतर साबित किया । और परमार्रथ की सबसे ऊँची मंजिल उनकी जात से मेल होना करार दिया। चुनाँचे यही ख्याल लेकर लाखो आदमी कृष्ण जी की उपासना करते हैं। 

और गीता की तस्नीफ के बाद लाखों ने इंद्र वगैरह देवताओं की पूजा छोड़कर कृष्ण जी की शरण अख्तियार की । और अब चूँकि देहरूप कृष्ण जी से वस्ल हासिल नहीं है इसलिए उनकी मूर्ति की परस्तिश से यह गीता ही के पाठ के महातम पर स्थिर करके अपनी स्वार्थसिद्धि की फिक्र में है।।                                               

 अजमेर में इस साल स्वामी दयानंद जी की मृत्यु अर्द्ध शताब्दी मनाये जाने की तैयारियाँ हो रही है । इत्तिला मिली थी कि जलसा माह अक्टूबर में आयोजित होगा लेकिन आज अजमेर से खत आया है जिससे मालूम हुआ कि जलसा मनाने वाली दो पार्टियाँ है। 

एक पार्टी माह फरवरी में जलसा मना रही है दूसरी अक्टूबर में मनावेगी। प्रथम वर्णित पार्टी ने राधास्वामी मत की तालीम बयान करने के लिए प्रतिनिधि तलब किया है । मेरा इरादा माह अक्टूबर में अजमेर जाने का है क्योंकि अजमेर के सत्संगियों से वादा कर लिया है कि अगर वह उस माह दयालबाग निर्मित वस्तुओं की नुमाइश करेंगे तो मैं भी उसमें शरीक होऊँगा। जैसे सतसंग में दो पार्टियां अलग अलग भंडारा मनाती है ऐसे ही आर्य समाज में भी अलग-अलग उत्सव मनाने का बंदोबस्त हो रहा है। मालूम होता है कि लोगों के मतों में तो फर्क है लेकिन मानसिकता में फर्क नहीं है।।       

                               

    🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**


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