Monday, September 7, 2020

आज का दिन 08/09 मंगलमय हो

 प्रस्तुति  - कृष्ण  मेहता 

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 08 सितम्बर 2020*

⛅ *दिन - मंगलवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद*

⛅ *मास - अश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - भाद्रपद*

⛅ *पक्ष - कृष्ण* 

⛅ *तिथि - षष्ठी रात्रि 12:02 तक तत्पश्चात सप्तमी*

⛅ *नक्षत्र - भरणी सुबह 08:26 तक तत्पश्चात कृत्तिका*

⛅ *योग - व्याघात शाम 05:35 तक तत्पश्चात हर्षण*

⛅ *राहुकाल - शाम 03:29 से शाम 05:01 तक*

⛅ *सूर्योदय - 06:25* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:46* 

⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - षष्ठी का श्राद्ध, कृत्तिका श्राद्ध*

 💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

💥 *श्राद्ध और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *लक्ष्मी माँ की प्रसन्नता पाने हेतु* 🌷

🙏🏻 *समुद्र किनारे कभी जाएँ तो दिया जला कर दिखा दें ...समुद्र की बेटी हैं लक्ष्मी ... समुद्र से प्रगति है ...समुद्र मंथन के समय.... अगर दिया दिखा कर " ॐ वं वरुणाय नमः " जपें और थोड़ा गुरु मंत्र जपें मन में तो वरुण भगवान भी राजी होंगे और लक्ष्मी माँ भी प्रसन्न होंगी |*

         🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞


 🌷 *बृहस्पति नीति* 🌷

🙏🏻 *बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। उन्होंने ऐसी कई बातें बताई हैं, जो हर किसी के लिए बहुत काम की साबित हो सकती हैं। बृहस्पति ने इन ऐसे नीतियों का वर्णन किया है, जो किसी भी मनुष्य को सफलता की राह पर ले जा सकती हैं।*

➡ *मुश्किल कामों में भी आसानी से पा लेंगे सफलता अगर ध्यान रखेंगे ये 3 बातें*

🙏🏻 *हर परिस्थिति में भगवान को याद रखें*

🌷 श्लोक 

*सकृदुच्चरितं येन हरिरित्यक्षरद्वयम।*

*बद्ध: परिकरस्तेन मोक्षाय गमनं प्रति।।*

🙏🏻 *अर्थात*

*मनुष्य को हर परिस्थिति में भगवान को याद करना चाहिए, क्योंकि भगवान का स्मरण ही हर सफलता की कुंजी हैं। जो मनुष्य इस बात को समझ लेता है, उसे जीवन में सभी सुख मिलते हैं और स्वर्ग पाना संभव हो जाता है।*

🙏🏻 *दुर्जनों को छोड़, सज्जनों की संगती करें*

🌷 *श्लोक*

*त्यज दुर्जनसंसर्ग भज साधुसमागम।*

*कुरु पुण्यमहोरात्रं स्मर नित्यमनित्यता।।*

🙏🏻 *अर्थात*

*मनुष्य को दुर्जन यानी बुरे विचारों और बुरे आदतों वाले लोगों की संगति छोड़कर, बुद्धिमान और सज्जन लोगों से दोस्ती करनी चाहिए। सज्जन लोगों की संगति में ही मनुष्य दिन-रात धर्म और पुण्य के काम कर सकता है।*

🙏🏻 *हर कोई मनुष्य का साथ छोड़ देता है लेकिन धर्म नहीं*

🌷 *श्लोक*

*तैस्तच्छरीरमुत्सृष्टं धर्म एकोनुग्च्छति।*

*तस्ताद्धर्म: सहायश्च सेवितव्य सदा नृभि:।।*

🙏🏻 *अर्थात*

*हर कोई कभी न कभी साथ छोड़ देता ह, लेकिन धर्म कभी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता। जब कोई भी अन्य मनुष्य या वस्तु आपका साथ नहीं देते, तब आपके द्वारा किए गए धर्म और पुण्य के काम ही आपकी मदद करते हैं और हर परेशानी में आपकी रक्षा करते हैं।*


          🌞 ~ *हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

🙏🏻🌷🌻🌹🍀🌺🌸🍁💐🙏🏻

: घरों में अपने पूर्वजों की तस्वीर लगाने से पहले जाने ये वास्तु नियम...            *        अक्सर हम घरों में अपने पूर्वजों की तस्वीर लगाकर रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि घर के बुजुर्गों के आशीर्वाद के लिए उनके निधन के बाद भी परिवार पर बने रहते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर पितरों को तस्वीर को लगाने से पहले कुछ बातों की सावधानी भी रखना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर जीवन में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 2 सितंबर 2020 से पितृपक्ष शुरू हो रहे हैं, जो कि 17 सितंबर 2020 तक रहेंगे। ऐसे में यदि आप भी इस दौरान अपने पूर्वजों को याद करते हैं तो घर में उनकी तस्वीर लगाते समय इन बातों की सावधानी जरूर रखें -

कभी न लटकाए पूर्वजों की तस्वीर

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में अपने पुरखों की तस्वीर को कभी भी लटका कर नहीं रखना चाहिए। तस्वीरों को हमेशा लकड़ी के स्टैंड पर ही रखना चाहिए। फोटो को लटकाना शुभ नहीं माना जाता है।

घर में पुरखों की ज्यादा तस्वीरें न लगाएं

यह भी मान्यता है कि घर में पितरों की ज्यादा तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। इसके अलावा ऐसी तस्वीरों को उस जगह पर न लगाएं, जहां सभी की नजर पहले पड़ती हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार मृत व्यक्ति की तस्वीरों पर बाहरी व्यक्ति की नजर पड़ने से निगेटिविटी पैदा होती है।


घर में मंदिर में न लगाएं पितरों की तस्वीर


कुछ लोग घर के मंदिर में भी पूर्वजों की लगा लेते हैं और पूजा करते हैं। शास्त्रों में पितरों का स्थान भले ही उच्च माना गया है, लेकिन पितरों और देवताओं का स्थान अलग होता है। माना जाता है कि पूजा घर में पितरों की तस्वीर लगाने से जीवन में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। घर-परिवार में अशांति छा सकती है।

वे स्थान, जहां नहीं लगानी चाहिए पितरों की तस्वीर


पितरों की तस्वीर को बेडरूम, घर के बीचों-बीच और रसोई घर में नहीं लगानी चाहिए। माना जाता है कि इससे पारिवारिक कलह के साथ सुख-शांति भंग होती है। जबकि उनकी तस्वीर हाल या मुख्य बैठक वाले कमरे में लगाना ज्यादा उचित होता है।

पितरों के फोटो के साथ जिंदा सदस्यों की फोटो न लगाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की फोटो को कभी भी घर के जीवित लोगों की तस्वीरों के साथ नहीं लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवित लोगों की आयु कम होती है और उनके जीवन पर संकट आने की आशंका बनी रहती है, इसके साथ ही व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

तस्वीर लगाने की सही दिशा


वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीर को उत्तर दिशा की दीवारों में ही लगाना चाहिए। शास्त्रों में दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना गया है। फोटो में पितरो की आंखें दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।

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