Wednesday, May 13, 2020

परम गुरू हुजूर साहबजी महाराज / रोजानावाकियात



**परम गुरु हुजूर साहबजी महाराज -रोजाना वाक्यात- 26 सितंबर 1932- सोमवार:- आज डॉक्टर जॉनसन के खत का जवाब लिखवा दिया गया।  जरा लंबा हो गया है। अगर वर्णित ने दयालबाग पैम्फलेट पढ लिया होता तो उनको न खत लिखने की साहस होती ना जरूरत । मगर अब जवाब पढ़कर उन्हें मालूम हो जाएगा कि दयालबाग के लोग अपना नफा नुकसान बखूबी समझते हैं।।                                           महर्षि शिवब्रत लाल साहब ने मेरे खत का जवाब भेज दिया है। वह माह दिसंबर के जलसे में शरीक न हो सकेंगे। अव्वल तो उनकी प्रतिज्ञा हायल होती है दोयम् खुद उनके यहां उन दिनों में भंडारा होता है । जवाब प्रेम भरे अल्फाज में लिखा है।।              24 सितंबर के अखबार स्टेट्समैंन में एक मजबूत प्रकाशित हुआ है जिसमें लिखा है कि बूचड़खानों में परीक्षण करके मालूम हुआ कि 40 फ़ीसदी गायों के जिस्म में तपेदिक के कीटाणु मौजूद है । इससे शुबहा होता है कि मुल्के हिंद में तपेदिक की बिमारी गायों के दूध के जरिए फैल रही है । लेखक ने पोस्टराइज दूध के इस्तेमाल पर बहुत जोर दिया है। इस कार्यवाही से तमाम घातक कीटाणु मर जाते हैं और दूध इस्तेमाल करने वालों के लिए किसी किस्म का खतरा नहीं रहता । हम लोगों ने इसलिए दयालबाग में दयालबाग डेरी की मार्फत पॉस्चराइज्ड दूध की सप्लाई का बंदोबस्त किया है। सत्संगियों को को चाहिए या तो पॉस्चराइसजड दूध का इस्तेमाल करें या अपने घर में गाय पालें और उन्हें तंदुरुस्त रखें, और उनका दूध पियें। बाजारु दूध पीने में बीमारी गले पड़ जाने का अंदेशा है। दूध खूब उबाल लेने से उतना लाभप्रद नही रहता लेकिन  इस अमल से बीमारी के कीटाणु मर जाते हैं। पाश्चराइज्ड करने से दूध की ताकत भी बदस्तूर बनी रहती है और बीमारी के कीटाणु मर जाते हैं।  रात के सतसंग में बयान हुआ  कि राधास्वामी मत में बैराग व त्याग के बजाय जोर सतगुरु भक्ति पर दिया जाता है । सच्चे सद्गुरु का दिल मालिक के प्रेम से भरपूर रहता है और वह दया करके अपने भक्तों के दिलों में अपना प्रेम भर देते हैं। सच्चे सद्गुरु की यह पहचान है कि दिल में उनका प्रेम पैदा होने से मालिक के चरणो में आपसे आप प्रेम पैदा हो जाता है। अगर किसी जगह ऐसा इंतजाम है तो इस संजोग में शरीक होने वालों का सहज में काम बन सकता है और अगर कहीं ऐसा इंतजाम नहीं है तो वहाँ रहकर जप तप और पूजा पाठ करने से महज शुभ कर्म का फल प्राप्त हो सकता है।

🙏🏻 राधास्वामी🙏🏻**


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