Wednesday, May 20, 2020

सेहतमंद होने के लिए



तिल तेल 2 लीटर    या किसी ओर विश्वसनीय क0 का 500 ml आंवला रस 1 ली0 मुलेठी पावडर 125 ग्राम,शिकाकाई पावडर60 ग्राम,भांगरा पावडर 60 ग्राम सबको 1 जगह मिलाकर लोहे के कड़ाही में तब तक पकाएं जब तक सब जलकर केवल तेल बचे। इस तेल को ठंडा करके छानकर शीशी में भरकर रखले ।।

रोज रोज लगाने से बालों की सफेदी कालिख में बदल जाती है ,बाल तेजी से बढ़ते हैं ,,झड़ना ,टूटना,दोमुंहा होना बंद हो जाता है ,,,/ *
@@@@@@@@@@@@## घर में रखने लायक़ दो-चार होमियोपैथी दवाओं के नाम जानिए, अच्छा रहेगा।


1. आर्निका-30 या 200—

किसी भी प्रकार की चोट, जिसमें ख़ून न निकला हो, बस मांसपेशियाँ कुचल गई हों, ख़ून जमकर काला पड़ रहा हो, तो ऐसी चोट पर यह ज़बर्दस्त काम करेगी। कुचलन वाला दर्द किसी भी बीमारी में हो, यह काम करेगी। मसलन, ज़्यादा काम करके आप थक गए हों और शरीर में कुचलने जैसा दर्द महसूस हो, तो आपकी थकान भी यह थोड़ी ही देर में उतार देगी।
यदि किसी को बहुत ही पुराने 5-10-20 या 30 वर्ष पुराने चोट का दर्द हो तो अर्निका 1M की एक खुराक से ही ठीक हो जाता है। इसके अलावा इस दवा का असर सीधा रक्त पर होने के कारण किसी भी प्रकार के ऑपरेशन होंने से पूर्व और बाद में देने से ऑपरेशन के दर्द में आराम देता है और टाके के स्थान को संक्रमण से रोकता है और पकने या मवाद बनने से रोकता है। अर्निका 30 बाल झड़ने में भी बहुत ही उपयोगी औषधि है।

2. कैलेण्डूला-क्यू (मदर टिञ्चर)—

कटने-फटने-चोट लगने से ख़ून बहने लगे तो थोड़े पानी में कैलेडूण्ला मिलाकर रुई भिगोकर लगाएँ। थोड़ी देर में ख़ून बन्द हो जाएगा। घाव पर कुछ दिनों तक इसे नियमित दिन में दो-तीन बार लगाते रहें, कोई सङ्क्रमण नहीं होगा और घाव जल्दी ठीक हो जाएगा। यह दुनिया का सबसे बेहतरीन एंटी सेप्टिक है। इसको गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

3. नक्स वोमिका-30 या 200—

ज़्यादा देर तक कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों की बीमारियों के लिए यह काम की दवा है। आजकल की ऐसी जीवनशैली में पेट ख़राब होना आम बात है। अगर दोपहर से पहले कई बार शौच जाने की आदत हो, देर तक शौचालय में जमे रहते हों, तो सोने से पहले कुछ दिन नक्स की एक ख़ुराक लीजिए। 30 पोटेंसी हो तो हर दिन, अन्यथा 200 पोटेंसी हो तो हर तीसरे दिन। सोने से पहले लेने पर यह दवा बढ़िया काम करती है। ज़्यादा पौष्टिक खाना खा लेने से पेट ख़राब हो जाए तो यह समझिए कि इस दवा में प्रभु का वास है। पक्का काम करेगी। ज़्यादा तेल वाली चीज़ें खाने से पेट गड़बड़ हो तो पल्साटिल्ला बढ़िया काम करती है।
इसके अलावा जिन व्यक्तियो को शराब के सेवन के कारण सर पकड़ लेता हो नक्स 200 की एक खुराक से ही सर हल्का हो जाता है। इसके अलावा नक्स वोमिका जुलाब,पेचिस,दस्त,गैस,कब्ज,उल्टी, बवासीर,अपच कब्ज के कारण होने वाले सर दर्द जैसी कई बीमारियों में बहुत ही उत्तम कार्य करती है। इसके अलावा नक्स एलॉपथी दवाओं के दुष्परिणाम को भी खत्म करती है।
नक्स वोमिका शरीर के वात पित्त कफ तीनो को संतुलित करती है।

4. एकोनाइट-30—

अचानक कोई बीमारी आक्रमण कर दे, कुछ वजह समझ में न आए, जैसे कि अचानक की छींके और तेज़ सर्दी-जुकाम, यकायक आने वाला बुख़ार...तो इस दवा की कुछ ख़ुराकें दीजिए। एकोनाइट की बीमारी का आक्रमण अचानक होता है। बेचैनी, मौत का डर, पसीना न आना वग़ैरह इसके लक्षण हैं।
हार्ट अटैक आने पर एकोनाइट 200 की 2 बूँद 10 मिनट के अंतराल पर दो बार देने से आराम हो जाता है।
जिन महिलाओं की पहली बार डिलीवरी होती है उन्हें अनुभव न होने के कारण भय घबराहट के करण यदि गर्भपात हो जाता हो तो डिलीवरी से पूर्व एकोनाइट 200 की 2 खुराक देने से घबराहट भय नहीं होता और गर्भपात रुक जाता है तथा सामान्य रूप से बच्चे का जन्म होता है और प्रसव पीड़ा में भी कमी आ जाती है।
यदि किसी भी प्रकार के भय के कारण कोई रोग उत्पन्न हो तब एकोनाइट 200 की एक या दो खुराक से ही ठीक हो जाता है।

5. कालीफॉस-3 एक्स या 6 एक्स—

यह घर में रखने की नहीं समय-समय पर नियमित इस्तेमाल में लाने की दवा है। जो लोग दिमाग़ी काम ज़्यादा करते हैं, वे कुछ दिन लगातार दिन में तीन-चार बार चार-चार घण्टे के अन्तराल पर चार-चार गोलियाँ खा लें तो दिमाग़ को थोड़ी ऊर्जा मिल जाएगी। बिना किसी बीमारी के दिमाग़ी टॉनिक के तौर लेना हो तो महीने भर लगातार लें, फिर हफ़्ते-दस दिन के लिए बन्द कर दें। कालीफॉस वास्तव में एक तरह की नर्व टॉनिक है। इसका सही उपयोग हो जाए तो दुनिया के आधे पागलख़ाने बन्द हो जाएँगे। बुख़ार बढ़ जाए और दिमाग़ पर चढ़ने का ख़तरा पैदा हो जाए तो कालीफॉस सञ्जीवनी का काम करती है। किसी भी बीमारी में, मसलन सड़न या सङ्क्रमण वग़ैरह की स्थिति में, तेज़ दुर्गन्ध आए तो भी यह दवा बढ़िया असर दिखा सकती है। जिन लोगों को मानसिक तनाव के कारण नींद न आ रही हो, वे भी सोने से पहले इसकी एक-दो ख़ुराक ले सकते हैं।
                                           

 *गर्मी से बचने के घरेलु उपाय*


गर्मी में जब भी घर से निकले ,कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकले ,खाली पेट नहीं ! गर्मी में ज्यादा भारी (garistha),बासा भोजन नहीं करे,क्योंकि गर्मी में सरीर की जठराग्नि मंद रहती है ,इसलिए वह भारी खाना पूरी तरह पचा नहीं पाती और जरुरत से ज्यादा खाने या भारी खाना खाने से उलटी-दस्त की शिकायत हो सकती है ।
 गर्मी में सूती और हलके रंग के कपडे पहनने चाहिये । चेहरा और सर रुमाल या साफी से ढक कर निकलना चाहिये । प्याज का सेवन तथा जेब में प्याज रखना चाहिये ।
 ठंडा मतलब आम(केरी) का पना, खस,चन्दन गुलाब फालसा संतरा का सरबत ,ठंडाई सत्तू, दही की लस्सी,मट्ठा,गुलकंद किशमिश का सेवन करना चाहिये । इनके अलावा लोकी ,ककड़ी ,खीरा, तोरे,पालक,पुदीना ,नीबू ,तरबूज आदि का सेवन अधिक करना चाहिये । शीतल पानी का सेवन ,3 से 4 लीटर रोजाना करना चाहिए



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