Wednesday, May 13, 2020

दया का अवसर




बन आया है जो यह दया का विशेष अवसर
ध्यान से सुनो कैसे हो रही है दया जीवों पर निरंतर

महामारी ने मोड़ दी हमारी तवज्जो परमात्मा की ओर
प्रभु तू ही करेगा हमारी रक्षा,है सारी इंसानियत का शोर

बेवजह हम इस दुनिया की पदार्थों में गोते थे खाते
झूठी ख़ुशियों को सच मान अपने इतने समीप थे लाते

अब हमें हुआ है इन सब की शून्यता का सच्चा अहसास
करनी करने का अब हम सबने किया है सच्चा प्रयास

दिन भर खेतों में काम कर के रात को थक के सो जाओ
सरकार साहब के इस बचन को साकार अब कर पाओ

अमृत प्याए हमें पिला, जो हुज़ूर पूरनूर ने की हमारी रक्षा
है नहीं क्या दया और मेहर के अनुभव का मौक़ा अनोखा

कहती है यह सुरत : कैसे मैं अपने दया से भरे भाग सराहूँ
जनम जब जब भी लूँ दयालबाग़ में ही अपने को पाऊँ

कभी ना तुम्हारे चरण कमलों की छाया से दूर हो जाऊँ
राधास्वामी रक्षक जीव के सदा ही है , मैं जो गाऊँ।

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