राधास्वामी!! 08-05 -2020- आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे-( 131) सत्संग में ऐसे भी लोग मौजूद हैं जो किसी सत्संगी के अंदर जरा सा नुक्स नजर आने पर नाक भौं चढाने लगते हैं और राधास्वामी दयाल में दोष निकालते हैं और यह नहीं समझते कि मनुष्य के पुराने स्वभाव छुड़ाने में वक्त लगता है। इसके अलावा ऐसे भी लोग हैं जो खास अपने नफे व फायदे ही को असली नफा व फायदा समझते हैं । वे कहते हैं कि हमें सिर्फ अपने उद्धार से गरज है , सत्संग के दूसरे कामों से हमें कुछ वास्ता नहीं है । दूसरे काम बनें या बिगड़े लेकिन हमारा उद्धार हो जाए। मगर यह कोई नई बात नहीं है। ऐसे मूर्ख व खुदगर्ज लोग हर मुल्क व संगत में होते हैं। आहिस्ता आहिस्ता और ठोकरें खाकर यह मूर्खता व खुदगर्जी दिल से दूर होती है । 🙏🏻राधास्वामी 🙏🏻 सत्संग के उपदेश -।भाग तीसरा
Friday, May 8, 2020
नफे और फायदे की खुदगर्जी कैसे हो दूर
राधास्वामी!! 08-05 -2020- आज शाम के सत्संग में पढ़ा गया बचन- कल से आगे-( 131) सत्संग में ऐसे भी लोग मौजूद हैं जो किसी सत्संगी के अंदर जरा सा नुक्स नजर आने पर नाक भौं चढाने लगते हैं और राधास्वामी दयाल में दोष निकालते हैं और यह नहीं समझते कि मनुष्य के पुराने स्वभाव छुड़ाने में वक्त लगता है। इसके अलावा ऐसे भी लोग हैं जो खास अपने नफे व फायदे ही को असली नफा व फायदा समझते हैं । वे कहते हैं कि हमें सिर्फ अपने उद्धार से गरज है , सत्संग के दूसरे कामों से हमें कुछ वास्ता नहीं है । दूसरे काम बनें या बिगड़े लेकिन हमारा उद्धार हो जाए। मगर यह कोई नई बात नहीं है। ऐसे मूर्ख व खुदगर्ज लोग हर मुल्क व संगत में होते हैं। आहिस्ता आहिस्ता और ठोकरें खाकर यह मूर्खता व खुदगर्जी दिल से दूर होती है । 🙏🏻राधास्वामी 🙏🏻 सत्संग के उपदेश -।भाग तीसरा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
पूज्य हुज़ूर का निर्देश
कल 8-1-22 की शाम को खेतों के बाद जब Gracious Huzur, गाड़ी में बैठ कर performance statistics देख रहे थे, तो फरमाया कि maximum attendance सा...
-
संत काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां / विशेषताएं ( Sant Kavya : Parampara Evam Pravrittiyan / Visheshtayen ) हिंदी साहित्य का इतिहास मुख्...
-
प्रस्तुति- अमरीश सिंह, रजनीश कुमार वर्धा आम हो रहा है चुनाव में कानून तोड़ना भारतीय चुनाव पूरे विश्व में होने वाला सबसे बड़ा चुनाव ह...
-
दुनिया भर में महिलाएं इस वक्त खुद को बेहद तनाव और दबाव में महसूस करती हैं. यह समस्या आर्थिक तौर पर उभरते हुए देशों में ज्यादा दिख र...
No comments:
Post a Comment