Thursday, October 15, 2020

प्रेम पत्र 16/1

 **परम गुरु हजूर महाराज- प्रेम पत्र- भाग 1

- कल से आगे -(10) 

ऐसी गफलत और बेपरवाही और नादानी का empaनतीजा जीवो के हक में निहायत नुकसान और सब दुखों का मूल समझ कर संत सतगुरु दया करके बारंबार उनको समझाते हैं कि अपने मालिक के चरणो में, जो तुम्हारे घट में हरदम मौजूद और तुम्हारे अंग संग है, थोड़ी बहुत प्रीति लाओ और उसके मिलने का जतन सुरत शब्द के अभ्यास से जिस कदर बन सके इस जिंदगी में थोड़े बहुत शौक या प्रेम के साथ करके जिस रास्ते पर मरने के बाद जाना होगा उसको जीते जी थोड़ा बहुत साफ कर लो और अपनी अंतर की आंख से देख लो और संतों के बचन के मुआफिक जरूरत के मुआफिक संसार में बरताव करो और ज्यादा विस्तार उसका और बहुत बंधन अपना उसमें में न करो , तो आहिस्ता आहिस्ता एक दिन अपने घर में पहुंच कर परम और अमर आनंद को प्राप्त होगे और जन्म मरण और देहियों के दुख सुख से बचाव हो जावेगा। क्रमशः              🙏🏻राधास्वामी🙏🏻**

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