Monday, October 19, 2020

आज कर दिन मंगलमय हो

 प्रस्तुति  - कृष्ण मेहता 

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक 20 अक्टूबर 2020*

⛅ *दिन - मंगलवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*

⛅ *शक संवत - 1942*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - शरद*

⛅ *मास - अश्विन*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि - चतुर्थी दोपहर 11:19 तक तत्पश्चात पंचमी*

⛅ *नक्षत्र - ज्येष्ठा 21 अक्टूबर रात्रि 02:12 तक तत्पश्चात मूल*

⛅ *योग - सौभाग्य सुबह 09:49 तक तत्पश्चात शोभन*

⛅ *राहुकाल - शाम 03:15 से शाम 04:41 तक* 

⛅ *सूर्योदय - 06:37* 

⛅ *सूर्यास्त - 18:09* 

⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से दोपहर 01:19 तक), उपांग-ललिता पंचमी*

 💥 *विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *विघ्न-बाधा में* 🌷

🙏🏻 *आदित्य ह्रदय स्तोत्र भगवान रामजी को अगस्त्य मुनि ने दिया था l आदित्य ह्रदय स्तोत्र ३ बार जपने से विघ्न-बाधा व आरोप लगाने वालों को सफलता नहीं मिलती -*

 🙏🏻  *पूज्य बापूजी -11thDec. 2009*

             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *उपांग ललिता व्रत* 🌷

🙏🏻 *आदि शक्ति मां ललिता दस महाविद्याओं में से एक हैं। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को इनके निमित्त उपांग ललिता व्रत किया जाता है। यह व्रत भक्तजनों के लिए शुभ फलदायक होता है। इस वर्ष उपांग ललिता व्रत 20 अक्टूबर, मंगलवार को है। इस दिन माता उपांग ललिता की पूजा करने से देवी मां की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में सदैव सुख व समृद्धि बनी रहती है।*

🙏🏻 *उपांग ललिता शक्ति का वर्णन पुराणों में प्राप्त होता है, जिसके अनुसार पिता दक्ष द्वारा अपमान से आहत होकर जब माता सती ने अपना देह त्याग दिया था और भगवान शिव उनका पार्थिव शव अपने कंधों में उठाए घूम रहें थे। उस समय भगवान विष्णु ने अपने चक्र से सती की देह को विभाजित कर दिया था। इसके बाद भगवान शंकर को हृदय में धारण करने पर इन्हें ललिता के नाम से पुकारा जाने लगा।*

🙏🏻 *उपांग ललिता पंचमी के दिन भक्तगण व्रत एवं उपवास करते हैं। कालिका पुराण के अनुसार, देवी की चार भुजाएं हैं, यह गौर वर्ण की, रक्तिम कमल पर विराजित हैं। ललिता देवी की पूजा से समृद्धि की प्राप्त होती है। दक्षिणमार्गी शास्त्रों  के मतानुसार देवी ललिता को चण्डी का स्थान प्राप्त है। इनकी पूजा पद्धति देवी चण्डी के समान ही है। इस दिन ललितासहस्रनाम व ललितात्रिशती का पाठ किया जाए तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है।*

*

             🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

No comments:

Post a Comment

सूर्य को जल चढ़ाने का अर्थ

  प्रस्तुति - रामरूप यादव  सूर्य को सभी ग्रहों में श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि सभी ग्रह सूर्य के ही चक्कर लगाते है इसलिए सभी ग्रहो में सूर्...