Wednesday, October 28, 2020

आज का दिन मंगलमय हो

 ✦• प्रस्तुति -  कृष्णा  मेहता 


_आज का पंचाग_* 🧾 *_गुरुवार  29 अक्टूबर _*

           **प्रस्तुति**

**पंडित कृष्ण मेहता**

 *_।। आप का दिन मंगलमय हो ।।_*


🌌 *_दिन (वार) - गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति) गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए । गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।_*

*_गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं । इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।_*

*_गुरुवार को चने की दाल भिगोकर उसके एक हिस्से को आटे की लोई में हल्दी के साथ रखकर गाय को खिलाएं, दूसरे हिस्से में शहद डालकर उसका सेवन करें। इस उपाय को करने से कार्यो में अड़चने दूर होती है, भाग्य चमकने लगता है ।_*

🌐 *_विक्रम संवत् – 2077.संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – प्रमादी._*

☸️ *_शक संवत - 1942_*

☣️ *_अयन - दक्षिणायण_*

⛈️ *_ऋतु - सौर हेमंत ऋतु आरंभ_*

🌤️ *_मास - द्वितीय अधिक आश्विन माह_*

🌖 *_पक्ष - शुक्ल पक्ष_*

📆 *_तिथि - षत्रयोदशी  03:15 PM तक तत्पश्चात चतुर्दशी_*

📝 *_तिथि का स्वामी – त्रयोदशी तिथि के देवता प्रेम देवता कामदेव जी जी और चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी है।_*

💫 *_नक्षत्र –उत्तर भाद्रपद दोपहर 12 बजे तक. तत्पश्चात रेवती_*

🪐 *_नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के देवता अहिर्बुंधन्य देव, स्वामी शनि देव जी एवं वहीं राशि स्वामी गुरु है।_*

🤷🏻‍♀️ *_उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र 27 नक्षत्रों में 26वां नक्षत्र है, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के देवता अहिर्बुंधन्य देव, स्वामी शनि देव जी एवं वहीं राशि स्वामी गुरु है। शनि गुरु में शत्रुता है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के जातको पर जीवन भर शनि और गुरु का प्रभाव रहता है ।_*

🌟 *_उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : नीम तथा स्वाभाव शुभ माना गया है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र सितारे का लिंग पुरुष है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर शुक्र एवं राहु ग्रह का प्रभाव बना रहता है।_*

*_उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति धार्मिक, कुशल वक्ता,  यशस्वी, परोपकारी और धनवान होते है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को सन्तान पक्ष से सुख की प्राप्ति होती है। इनका पारिवारिक जीवन भी सुखमय रहता है।_*

*_इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए, इनको पीपल की सदैव / विशेषकर शनिवार को तो अवश्य ही सेवा करनी चाहिए ।_*

*_उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के लिए भाग्यशाली अंक क्या हैं 6 और 8, भाग्यशाली रंग बैगनी तथा भाग्यशाली दिन  गुरुवार, मंगलवार और शुक्रवार होता है ।_*

*_उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को इस नक्षत्र देवता के नाममंत्र:- ॐ अहिर्बुंधन्याय नमःl मन्त्र की माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।_*

📣 *_योग :- हर्षण – 02:39 AM, 30 अक्टूबर तक_*

⚡ *_प्रथम करण :- तैतिल – 15 :15 तक_*

✨ *_द्वितीय करण :- गर – 04:29 AM, 30 अक्टूबर तक_*

⚜️ *_दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।_*

🤖 *_राहुकाल – दिन – 1:30 से 3:00 तक।_*

🌞 *_सूर्योदय – प्रातः 06:08_*

🌅 *_सूर्यास्त – सायं 17:55_*

🔅 *_रवि योग- दोपहर 12 बजे से लेकर शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 57 मिनट तक_*

🌟 *_हर्षण योग - पूरा दिन पार कर देर रात 2 बजकर 37 मिनट तक_*

💮 *_उत्तराभाद्रपद नक्षत्र- दोपहर 12 बजे तक_*

❄️ *_रेवती नक्षत्र- दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 57 मिनट तक_*

🗣️ *_यायीजयद योग- मुकदमा दायर करने या अपनी बात रखने के योग सूर्योदय से दोपहर बाद 3 बजकर 15 मिनट तक_*

🔯 *_सर्वार्थसिद्धि योग- सारे काम बनाने वाले योग दोपहर 12 बजे से शुक्रवार सुबह सूर्योदय तक रहेगा।_*

⚛️ *_पर्व व त्यौहार- पंचक_*

✍🏼 *_विशेष – त्रियोदशी को बैगन का सेवन नहीं करना चाहिए ।_*


           🏚️ *_वास्तु टिप्स_* 🏘️


*_वास्तु शास्त्र में जानिए दर्पण लगाने के अन्य फायदों के बारे में। जिन लोगों का घर बहुत छोटी जगह में बना हो या घर में बने कमरों का साइज़ बहुत छोटा और सामान रखने की वजह से घर या कमरा भरा-भरा लगता हो, तो ऐसी स्थिति में घर को थोड़ा खाली दर्शाने के लिये या घर के स्पेस को बढ़ा हुआ दिखाने के लिये वहां की उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर या उत्तर-पूर्व के कोने, यानी ईशान कोण में एक बड़ा-सा दर्पण लगवा सकते हैं।_*

*_आप अपने कमरे में ड्रेसिंग टेबल भी इसी दिशा में लगा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि दर्पण बहुत अधिक भारी नहीं होना चाहिए। दर्पण जितना हल्का होगा, कमरे का प्रतिबिम्ब उतने ही अच्छे तरीके से दमकेगा। इससे घर में आये अन्य लोगों को भी कमरा बहुत संकुचित नहीं लगेगा।_*


          ♻️ *_जीवनोपयोगी कुंजियां_* ⚜️


🧘🏻‍♀️ *_फेशियल के बाद भूल कर भी ना करें स्क्रब_*

*_फेशियल करने से आपकी स्किन अच्छी तरह से साफ हो जाती है। कुछ लोग फेशियल के बाद भी स्क्रब करते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसी ही करती हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि ऐसा करना आपकी चेहरे की स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है।_*


⛺ *_घरेलू नुस्खे का ना करें इस्तेमाल_*

*_वैसे तो घरेलू नुस्खे स्किन के लिए हमेशा फायदेमंद होते हैं। लेकिन फेशियल के बाद कुछ दिनों तक स्किन पर किसी भी चीज का इस्तेमाल करना आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। फेशियल के बाद त्वचा बहुत ज्यादा कोमल होती है। ऐस में हो सकता है कि किसी घरेलू नुस्खे को ट्राई करने के बाद आपकी स्किन पर जगह-जगह लाल चकत्ते पड़ जाएं।_*


👀 *_चेहरे पर सीधे ना पड़ने दें सूर्य की किरणें_*

*_सूरज की किरणों के सीधे त्वचा पर पड़ने से भी आपकी स्किन पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि फेशियल के दौरान स्किन को गहराई से साफ किया जाता है। ऐसे में त्वचा के सूर्य की किरणों के सीधा संपर्क में आने पर स्किन पर टैनिंग भी जल्द हो सकती है। इसलिए हो सके तो कम से कम 30 एसपीएफ वाली सनसक्रीम लगाकर ही घर से बाहर निकलें।_*


               ☘️ *_आरोग्य कुंजियां_* 🍁


🍛 *_कुलथ की दाल सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आसानी से पथरी की समस्या से निजात दिला देते है। इसलिए आप सप्ताह में एक बार कुलथ की दाल का सेवन करे। कभी भी आपको स्टोन नहीं होगा। अगर आपके किडनी में पथरी हैं तो इसका सूप का सेवन करें। इसके लिए कुलथ की दाल रात को भिगो दें। जिससे कि यह आसानी से गल जाए। सुबह इसमें हींग और सेंधा नमक डालकर अच्छी तरह से पका लें। इसके बाद इसका सेवन करे। इसे खाने से 1 सप्ताह में पथरी से निजात मिल जाएगा।_*

☘️ *_पत्थर चट्टा का पौधा आसानी से कही पर भी मिल जाता है। जिसका सेवन करके आप आसानी से किडनी के स्टोन से निजात पा सकते हैं। इसके लिए पत्थर चट्टा का एक पत्ता लें और उसमें मिश्री के कुछ दाने के साथ पीस लें। इसके बाद इसका सेवन कर लें।_*


            🪔 *_गुरु भक्ति योग_* 📖


*_कदम, कसम और कलम हमेशा सोच समझकर ही उठाना चाहिए।'_*


            *_इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को तीन कामों को करने से पहले हमेशा सोचना समझना चाहिए। ये तीन काम कदम, कसम और कलम है। ये तीनों कार्य ऐसे हैं कि अगर एक बार भी आपने फैसला ले लिया तो बाद में पैर पीछे हटाना मुश्किल है। यानी कि ये आपके लिए पत्थर की तरह होंगे। हालांकि ये ऐसी लकीर होगी जिसे आप मिटाना तो चाहते हैं लेकिन आप मिटा नहीं सकते।_*

        *_पहली चीज की बात करें तो वो कदम है। हमारा कहना है कि मनुष्य जब भी किसी दिशा की तरफ बढ़ता है तो वो सही है या फिर गलत उसका फैसला उसे पैर आगे बढ़ाने से पहले ही ले लेना चाहिए। क्योंकि अगर एक बार पैर आपने आगे बढ़ा लिया तो उसे पीछे हटाना आपके लिए नामुमकिन है।_*

       *_दूसरी चीज कलम है। जिस तरह से पत्थर पर खींची गई लकीर को मिटाना असंभव है ठीक उसी तरह कलम से जो भी आपने एक बार लिख दिया उसे मिटाना मुश्किल है। यानी कि कलम में इतनी ताकत होती है कि वो किसी मनुष्य की जिंदगी को रोक सकती है और आगे बढ़ा भी सकती है। इसलिए किसे के बारे में कुछ भी लिखने से पहले मनुष्य को सौ बार सोच लेना चाहिए।_*

       *_तीसरी चीज कसम है। कई लोगों की आदत बात-बात पर कसम देने की होती है। अगर आपको भी ये आदत है तो इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए आप कसम तभी दें जब आपको लगे वो देने लायक है। बात-बात पर कसम देने से कसम की वैल्यू कम होती है। इसके साथ ही कई बार ऐसा होता है मनुष्य को उसकी दी गई कसम ही भारी पड़ जाती है। इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा कि मनुष्य को कदम, कसम और कलम हमेशा सोच समझकर ही उठाना चाहिए।_*


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⚜️ *_त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव हैं। कामदेव प्रेम के देवता माने जाते है । पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के पुत्र माने गए  हैं। उनका विवाह प्रेम और आकर्षण की देवी रति से हुआ है। इनकी पूजा करने से जातक रूपवान होता है, उसे अपने प्रेम में सफलता एवं इच्छित एवं योग्य जीवनसाथी प्राप्त होता है। त्रियोदशी को कामदेव की पूजा करने से वैवाहिक सुख भी पूर्णरूप से मिलता है।_*

*_इस तिथि का खास नाम जयकारा भी है। समान्यता त्रयोदशी तिथि यात्रा एवं शुभ कार्यो के लिए श्रेष्ठ होती है।_*

*_त्रियोदशी को बैगन नहीं खाना चाहिए ।_*

  *_※❖ॐ∥▩∥श्री∥ ۩۞۩ ∥श्री∥▩ॐ❖※_*

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